आईसीसी ने टीम इंडिया के विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी से अपने दस्ताने से ‘बलिदान बैज’ का निशान हटाने को कहा है. आईसीसी के इस फरमान से भारतीय क्रिकेट फैंस बेहद गुस्से में हैं. भारतीय क्रिकेट फैंस खुलकर धोनी के समर्थन में उतर आए हैं. प्रादेशिक सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के अधिकारी धोनी वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच में ‘बलिदान बैज’ वाला ग्लव्स पहनकर उतरे थे.
धोनी के इस कदम से क्रिकेट फैंस ने उनकी जमकर प्रशंसा की थी. लेकिन आईसीसी को धोनी का कदम पसंद नहीं आया. ICC ने इसे अपवाद बताते हुए कहा कि यह उसके नियमों के खिलाफ है. इतना ही नहीं पूर्व भारतीय कप्तान पर आईसीसी के नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना भी लग सकता है.
आईसीसी के निर्देश से खफा भारतीय क्रिकेट फैंस ने सोशल मीडिया पर जमकर अपनी भड़ास निकाली. कई फैंस तो ऐसे भी हैं जो समझा रहे हैं कि क्यों धोनी को भारतीय सेना के प्रति उनके प्यार का इजहार करने की इजाजत मिलनी चाहिए.
एक प्रशंसक ने लिखा कि बलिदान बैज किसी धर्म, राजनीतिक चिह्न् से जुड़ा हुआ नहीं है. धोनी को ऐसा करने का पूरा हक है. मुझे ऐसा कोई कारण नहीं दिखता कि आईसीसी को इसमें हस्तक्षेप करना पड़े.
बता दें कि आईसीसी के नियम के अनुसार कोई भी क्रिकेटर धार्मिक, जातीय और राजनीतिक लोगो का इस्तेमाल नहीं कर सकता. भारतीय सेना के प्रति धोनी का प्रेम किसी से छिपा नहीं है.
वर्ल्ड कप से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज में भी टीम इंडिया के खिलाड़ी सेना की विशेष कैप पहनकर मैदान में उतरे थे. भारतीय खिलाड़ियों ने पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों की याद में ऐसा किया था.
ऐसा माना जाता है कि जवानों को श्रद्धांजलि देने का विचार धोनी ने ही बीसीसीआई को दिया था. उन्होंने साथी खिलाड़ियों को कैप प्रदान किया था. तब भी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी)ने इसका विरोध किया था और आईसीसी से भारत के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी. लेकिन पीसीबी की इस मांग को आईसीसी से ठुकरा दिया था.
बीसीसीआई ने इसके लिए पहले ही आईसीसी से खिलाड़ियों को विशेष तौर पर डिजाइन की गई कैप को पहनने की इजाजत ली थी.