नई दिल्ली। INX मीडिया हेराफेरी केस में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ईडी की गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई हुई है जिस पर लंच के बाद एक बार फिर से सुनवाई शुरू हो गई है. चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल लगातार बहस कर हैं.
लंच से पहले हुई सुनवाई में सिब्बल ने कह, “सीबीआई ने हाईकोर्ट में एक नोट जमा किया जिसके आधार पर हाई कोर्ट ने आदेश लिखा. मुझे उस नोट के बारे में कुछ नहीं बताया गया जबकि ये आपराधिक कानून के खिलाफ है. कपिल सिब्बल का आरोप है कि ईडी ने जांच को कानूनी प्रकिया से नहीं किया, न तो केस डायरी बनाई और न ही किसी ऐसे दस्तावेज को साझा किया जो आरोपी को दिया जाना था.” कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि ईडी ने जो हलफनामा फ़ाइल किया उसे पहले ही मीडिया में रिलीज कर दिया गया, ईडी के वकील से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने विरोध किया.
कपिल सिब्बल ने कहा कि 2017 में एफआई होने के बाद से जांच में कुछ नहीं हुआ, ये मीडिया ट्रायल हो रहा है. चिदंबरम पर आरोप लगाए जा रहा हैं कि उनकी बहुत सारी प्रॉपर्टी हैं, अगर एक भी गलत प्रॉपर्टी मिल जाये तो मैं ये याचिका वापस ले लूंगा. सिब्बल ने कहा, “6 जून 2018 को केवल एक बार सीबीआई ने बुलाया. पूरी जांच ही संविधान के आर्टिकल 21 के खिलाफ है.जो कि मुझे फेयर जांच और फेयर ट्रायल का अधिकार देते हैं. कपिल ने कहा कि ईडी ने चिदंबरम से पूछा कि क्या आपका ट्विटर एकाउंट है. जब ईडी ने तीन बार चिदंबरम को बुलाया तो चिदंबरम पर प्रॉपर्टी और फर्जी एकाउंट के बारे में कभी नहीं पूछा.”
इससे पहले, चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने अग्रिम जमानत पर याचिका खारिज करते हुए कहा कि सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने चिदंबरम को निचली अदालत में नियमित जमानत लगाने को कहा. कोर्ट ने कहा-याचिका अर्थहीन.सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि गिरफ्तारी के बाद इस याचिका का कोई औचित्य नहीं बनता. उधर, चिदंबरम के वकील कपिल सिब्ब्ल ने उनकी ओर से पक्ष रखते हुए कहा, “जब मैं लगातार प्रयास कर रहा था सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए, तभी सीबीआई ने मुझे गिरफ्तार कर लिया.”
कपिल सिब्बल ने कहा, “INX मीडिया को FIPB से 4.2 करोड़ लाने की छूट थी, जबकि 305 करोड़ आय, सीबीआई ने 2017 में FIR दर्ज की जिसके आधार पर ED ने PMLA के सेक्शन- 3, 4 के अंतर्गत चिदंबरम की प्रॉपर्टी अटैच करना शुरू कर दिया. मानिए कि अगर सीबीआई का केस खारिज हो जाता है तो ED की इस कार्यवाही का क्या होगा. PMLA के अंतर्गत दर्ज किए गए केस में अगर सजा होती है तो 7 साल की सजा का प्रवधान है, इसके हिसाब से किसी गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है. मुझे गिरफ्तारी के 2 घंटे पहले जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया गया.”
इस घोटाले से जुड़ी अहम जानकारियां सीबीआई के पास देश ही नहीं बल्कि विदेशो से भी आनी शुरू हो गई हैं. कस्टडी में लेते ही सीबीआई ने पांच देशों यूके, मॉरीशस, सिंगापुर, बरमूडा, स्विट्जरलैंड को LR यानी लैटर रोगेटरी भेजे थे ताकि इस पूरे स्कैम की मनी ट्रेल के बारे में पता लग सके. इनमें से कुछ देशों ने मनी ट्रेल की जानकारी भेजनी शुरू कर दी है. ये अहम जानकारियां भी आज सीबीआई कोर्ट में रख सकती है कि फॉरन इन्वेस्टमेंट के नाम पर 305 करोड़ रुपए की रकम को कार्ति चिदम्बरम ने किस किस देश में शेल्स कंपनियो में लगाया, साथ ही कार्ति चिदंबरम के पीएस की एक्सटर्नल डिस्क से मिले 4 इनवॉइस जिसमे पैसो की जानकारी है वो भी अहम है. 4 दिनों में पी चिदंबरम से सीबीआई ने काफी सवाल पूछे है लेकिन सीबीआई के ज्यादातर सवालो के चिदम्बरम ने जवाब नहीं दिए या सवालों को घुमाया.