नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता उत्तर प्रदेश में बनी हुई है. इंडिया टु़डे ग्रुप और एक्सिस माई इंडिया की ओर से कराए गएपॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (पीएसई) सर्वे के अनुसार राज्य में मोदी को बतौर प्रधानमंत्री 48 फीसदी लोग पसंद करते हैं और 2019 में अगले प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं.
दिलचस्प है कि उत्तर प्रदेश में संसदीय क्षेत्र होने के बावजूद मोदी बतौर प्रधानमंत्री की पसंद के रूप में PSE सर्वे में 50 फीसदी समर्थन हासिल करने में नाकाम रहे. मध्य प्रदेश में अगले प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें 56 फीसदी लोगों का समर्थन मिला था. बनारस मोदी को संसदीय चुनावी क्षेत्र है.
अगले प्रधानमंत्री के रूप में मध्य प्रदेश में 56 फीसदी मत के अलावा मोदी को छत्तीसगढ़ में 59, राजस्थान में 57 और कर्नाटक में 55 फीसदी मत हासिल हुए थे. अब तक 7 राज्यों से सर्वे के जरिए रुझान आ चुके हैं.
इंडिया टुडे-एक्सिस-माई-इंडिया पीएसई सर्वे उत्तर प्रदेश के 80 संसदीय क्षेत्रों में लिए गए टेलीफोन साक्षात्कारों पर आधारित है. उत्तर प्रदेश के लिए सर्वे में कुल 30,400 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. ये सर्वे 15 सितंबर से 19 सितंबर के बीच किया गया.
सर्वे में मोदी के इतर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश की जनता ने अगले प्रधानमंत्री पद के लिए 22 फीसदी मत दिया है. जबकि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इस मामले में 7 फीसदी और मायावती को 9 फीसदी मत हासिल हुए हैं.
मोदी सरकार से यूपी में 51 फीसदी संतुष्ट
राज्य में मोदी सरकार के कामकाज को लेकर कराए गए सर्वे में 51 फीसदी लोग संतुष्ट हैं, लेकिन 16 फीसदी लोगों ने इसे ठीक-ठाक बताया. इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि 28 फीसदी लोग असंतुष्ट हैं.
उत्तर प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश की जनता ने योगी आदित्यनाथ का साथ दिया है. 43 फीसदी लोगों ने अगले मुख्यमंत्री के रूप में योगी को ही चुना है. जबकि 29 फीसदी लोगों ने अखिलेश यादव को अगले मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पसंद बताया है, जबकि 18 फीसदी लोग मायावती के साथ हैं.
37 फीसदी योगी सरकार से असंतुष्ट
प्रदेश सरकार के कामकाज को लेकर कराए गए सर्वे में 41 फीसदी लोग संतुष्ट है, जबकि 20 फीसदी लोग इसे ठीक-ठाक मानते हैं, लेकिन 37 फीसदी लोग योगी सरकार के कामकाज से असंतुष्ट हैं.
राज्य में सपा-बसपा गठबंधन से बीजेपी को होने वाले नुकसान को लेकर कराए गए सर्वे पर 47 फीसदी लोगों ने माना कि इसका असर बीजेपी को पड़ सकता है, जबकि 32 फीसदी लोगों को ऐसा नहीं लगता और शेष 21 फीसदी लोग पता नहीं श्रेणी में शामिल हैं.
कांग्रेस और उसके अध्यक्ष राफेल डील को लेकर लगातार केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश में जुटी है, लेकिन सर्वे में 79 फीसदी लोगों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. जिन वोटरों को राफेल डील के बारे में जानकारी है, उनमें से 82 फीसदी का कहना है कि केंद्र सरकार को इसे सार्वजनिक नहीं करना चाहिए कि फ्रांस से राफेल विमान कितने में खरीदा गया.