कोट्टायम (केरल)। नन दुष्कर्म मामले में शुक्रवार को गिरफ्तार हुए बिशप फ्रैंको मुलक्कल को शनिवार को केरल की एक अदालत के समक्ष पेश किया गया, जहां उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. कोर्ट ने बिशप मुक्कल की जमानत की अपील को खारिज कर दिया. जालंधर के रोमन कैथोलिक डाओसिस के बिशप मुलक्कल को शुक्रवार को त्रिपुनीथुरा में गिरफ्तार किया गया था. उनसे इससे पहले तीन दिनों तक पूछताछ होती रही.
बहरहाल, पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कोर्ट को शनिवार को बताया कि फ्रैंको मुलक्कल यौन उत्पीड़न करने के मकसद से ही कान्वेंट आए थे. 5 मई 2014 को उन्होंने गेस्ट हाउस के रूम नं. 20 में नन को गैर कानूनी तरीके से बंधक बनाकर रखा. साथ ही महिला का अप्राकृतिक रूप से यौन शोषण किया.
आरोपी ने पीड़िता को यह भी धमकी दी की यदि उसने इसके बारे में किसी को बताया तो उसे परिणाम भुगतना पड़ेगा. बिशप ने अगले दिन यानी 6 मई 2014 को फिर नन के साथ रेप किया. पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक 2014-16 के दौरान गेस्ट हाउस के उसी रूम में 13 बार रेप और अप्राकृतिक रूप से यौन शोषण किया गया.
इससे पहले बिशप ने छाती में दर्द की शिकायत की थी, जिसके बाद उन्हें कोट्टायम से 10 किलोमीटर दूर एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सरकारी कोट्टायम मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में रात बिताने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें शनिवार को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया.
पुलिस ने बताया कि जैसे ही वह बाहर आए लोगों ने उनसे ठिठोली करनी शुरू कर दी. मुलक्कल को अदालत में पेश होने तक कोट्टायम पुलिस क्लब में रखा जाएगा. ऐसा देश में पहली बार हुआ है कि बिशप को दुष्कर्म मामले में गिरफ्तार किया गया है और पुलिस ने उन पर अवैध रूप से बंधक बनाकर रखने, दुष्कर्म, अप्राकृतिक यौन संबंध और आपराधिक धमकी देने का मामला दर्ज है. केरल की एक नन ने मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच लगातार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया.