लखनऊ। डिफेंस एक्सपो के शानदार और भव्य आयोजन का असर दिखना शुरू हो गया है। धु्रव और चीता हेलीकाप्टरों के साथ मार्कोस कमांडो की जुगलबंदी से गोमती को संजीवनी मिल गयी है। प्रशासन ने गोमती नदी को गुजरात की साबरमती नदी के तट की तरह ही खूबसूरत और सांस्कृतिक और पर्यटन गतिविधियों का केंद्र बनाने के लिए प्राधिकरण बनाने की कवायद भी शुरू कर दी है।
पांच से नौ फरवरी तक लखनऊ मेें डिफेंस एक्सपो राजधानी सहित पूरे प्रदेश को बहुत कुछ दे गया। देशी और विदेशी निवेशकों ने पचास हजार करोड़ रुपये के करार किए जिससे पूरे डिफेंस कॉरीडोर की दशा बदलेगी। रिवर फ्रंट पर आयोजन को देखते हुए प्रशासन ने गोमती में पानी पहुंचाया और इसका इतना जबर्दस्त असर कि करीब-करीब नाले में तब्दील हो चुकी गोमती फिर से लबालब दिखने लगी। लाखों शहरवासी गोमती को इसी रूप में देखना चाहते हैं।
कवायद शुरू, गोमती किनारे पहुंचे अधिकारी
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने गोमती किनारे सफल आयोजन के तत्काल बाद इसकी सुंदरता और आकर्षण बनाए रखने के लिए प्राधिकरण गठित करने की योजना बनायी, जिसे मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने भी अपनी सहमति दे दी है। सोमवार को ही नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी के साथ रिवर फ्रंट पर एक औपचारिक बैठक भी कर डाली। तीनों अधिकारी सोमवार को रिवर फ्रंट पहुंचे और प्राधिकरण के गठन को लेकर विस्तार से चर्चा की। एक-एक बिंदु को ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण का खाका खींचा गया। इसमें प्रशासन और नगर निगम के अलावा तमाम विभागों के अधिकारियों को पदेन रखा जाएगा। जल्द ही इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा।
दूसरे चरण में और होगा विस्तार
फिलहाल रिवर फ्रंट प्राधिकरण पहले चरण के अंतर्गत गऊ घाट से लामार्टिनियर कॉलेज के पीछे तक विकसित किया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में उन गांवों को भी शामिल किया जाएगा, जहां तक नगर निगम सीमा का विस्तार होगा। डीएम के मुताबिक एक बार प्राधिकरण बन जाने के बाद रिवर फ्रंट का लगातार विस्तार होता रहेगा।
पर्यटन के साथ राजस्व भी
प्रशासन रिवर फ्रंट पर पर्यटन की अपार संभावनाएं देख रहा है। जिलाधिकारी के मुताबिक इसे पीपीपी मॉडल और सीएसआर फंड की मदद से भी विकसित किया जाएगा। वॉटर स्पोट्र्स और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन से शहर के लोगों का जुड़ाव होगा, जिससे राजस्व भी मिलेगा।
ओडीओपी-शिल्प प्रदर्शनी लगेगी, एमपी थियेटर बनेगा
प्रशासन की मंशा यहां वर्ष भी आयोजनों की है। इसीलिए सरकार की प्राथमिकता वाले ओडीओपी और हस्त एवं शिल्प कलाओं की प्रदर्शनी भी एजेंडे में है। इसके लिए यहां पर एक एमपी थियेटर भी बनाया जाएगा।
राजनीतिक एजेंडा नहीं चलेगा
यहां पर किसी तरह के राजनीतिक कार्यक्रमों को अनुमति नहीं होगी। राजनीतिक दलों की रैली, गोष्ठी या अन्य कार्यक्रमों पर पाबंदी होगी।
दौड़ेंगे वाटर स्कूटर, चाट और आइसक्रीम का भी मजा
रिवर फ्रंट पर वाटर स्पोट्र्स को बढ़ावा दिया जाएगा। वॉटर स्कूटर के अलावा दूसरे वाटर स्पोट्र्स को प्रमोट किया जाएगा। इसके अलावा जगह-जगह फूड स्टॉल भी होंगे।
ये हैं खास बातें
- साबरमती नदी की तरह ही संचालन के लिए प्राधिकरण बनेगा
- पहले चरण में गोमती रिवर फ्रंट को सांस्कृतिक और पर्यटन के महत्व से विकसित किया जाएगा
- प्रशासन के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी पदेन सदस्य होंगे
- कला, साहित्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजनों होंगे
- वाटर स्पोट्र्स और दूसरे खेलों को भी प्रमोट किया जाएगा
- पर्यावरण के साथ पर्यटन को मिलेगी नयी पहचान
- दूसरे चरण में उन गांवों को लिया जाएगा जहां नगर निगम सीमा होगी
कुछ ऐसा होगा प्रस्तावित प्राधिकरण
- नाम – गोमती रिवर फ्रंट प्राधिकरण
- चेयरमैन – मंडलायुक्त
- वाइस चेयरमैन – डीएम
- सीईओ – नगर आयुक्त
- सदस्य – एलडीए वीसी
- सदस्य – एडीएम ट्रांसगोमती
- सदस्य – अपर नगर आयुक्त
- सदस्य – डीएफओ
- सदस्य – पर्यटन अधिकारी
- सदस्य- सांस्कृति अधिकारी
- सिंचाई विभाग -मुख्य अभियंता।