चीन के कोरोना वायरस प्रभावित हुबेई प्रांत में फंसे अपने नागरिकों को वापस लाने का जबरदस्त दबाव झेल रहे पाकिस्तान ने कहा है कि वह चीन के हालात पर करीबी नजर रख रहा है और अपने नागरिकों को वहां से निकालने पर जल्द कोई निर्णय लेगा।
पाकिस्तान को उस वक्त चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ा जब उसने कहा कि वुहान से पाकिस्तानी छात्रों को वापस नहीं लाया जाएगा क्योंकि कोरोना वायरस से संक्रमित किसी भी मरीज के इलाज के लिए तय मानकों का देश में अभाव है।
वहीं, वुहान में फंसे पाकिस्तानी नागरिक सोशल मीडिया पर लगातार सरकार से उन्हें वहां से निकालने का अनुरोध कर रहे हैं। स्वास्थ्य मामले पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक (एसएपीएम) जफर मिर्जा ने रविवार को कहा, ‘उच्च स्तर पर मामले पर विचार किया जा रहा है और सभी संभावित पहलुओं पर विचार के बाद कोई निर्णय लिया जाएगा। हम भरोसा दिलाते हैं कि हमें आपकी चिंता है।’
समाचारपत्र ‘डॉन’ की एक खबर के अनुसार मिर्जा ने कहा कि सरकार चीन के हालात पर करीबी नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि सभी विकल्प तलाशे जा रहे हैं और सरकार इस मुद्दे पर संतुलन बनाना चाहती है।
मिर्जा ने कहा, ‘हमें पाकिस्तानी नागरिकों (चीन में) की स्थिति, चीनी नियमों और विश्व स्वास्थ्य संगठन के परामर्श समेत सभी पहलुओं पर विचार करना होगा। इस मामले में सभी पक्षकार शामिल हैं और हमने सभी विकल्प खुले रखे हैं।’
मिर्जा ने ट्वीट करके वुहान में फंसे अपने नागरिकों से कहा, ‘चीन में मेरे बेहद अजीज छात्र और आपके आदरणीय परिजन, हम उच्च स्तर पर हालात पर गहन चर्चा कर रहे हैं और घातक कोरोना वायरस के संबंध में सभी कारकों के मद्देनजर बेहतर निर्णय लेंगे।’
इस बीच चीन में पाकिस्तान की राजदूत एन हाशमी ने कहा कि वुहान में पूरी तरह से आवाजाही पर रोक है और इसलिए वे वहां फंसे पाकिस्तानी छात्रों से मुलाकात नहीं कर सके। ‘जियो न्यूज’ ने हाशमी के हवाले से बताया कि पाकिस्तानी अधिकारी बीजिंग और वुहान में अपने चीनी समकक्षों के साथ संपर्क में हैं और चीन में किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के किसी भी प्रश्न का तत्परता से जवाब देंगे।
डॉन की खबर में कहा गया है कि मिर्जा के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया में पाकिस्तानी नागरिकों का गुस्सा फूट पड़ा। वुहान में एक पाकिस्तानी नागरिक ने ट्वीट किया, ‘प्रिय महोदय, अगर आपको हमारी चिंता है तो हमारे साथ वुहान में कम से कम एक दिन गुजारिए। कम से कम एक दिन तो आनंद लीजिये फिर हम, हमें वहां से निकालने के लिए कभी नहीं कहेंगे। मेरे सुझाव पर विचार करिएगा, शुक्रिया।’ एक अन्य पाकिस्तानी छात्र ने ट्वीट किया, आपसे विनम्र आग्रह है कि अगर आप चीजों को बदल नहीं सकते तो ट्वीट मत करिए। गौरतलब है कि विदेश कार्यालय ने कहा था कि चीन में 28 हजार पाकिस्तानी छात्र हैं और इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में कारोबारी हैं।