नई दिल्ली। ईडी ने मंगलवार को सहाना ग्रुप (Sahana Group) के चेयरमैन सुधाकर शेट्टी (Sudhakar Shetty) का बयान दर्ज किया है. ये मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है. सूत्रों का दावा है कि ईडी, सुधाकर शेट्टी के जवाबों से संतुष्ट नहीं है. इसलिए इस बात की संभावना है कि उन्हें सवालों के लिए दोबारा समन किया जाए. सूत्रों के मुताबिक ईडी, सुधाकर शेट्टी से 3 हजार करोड़ रुपयों के बारे में पूछ रही है जिसे 6 शेल कंपनियों में डायवर्ट किया गया था और ये कंपनियां उसके द्वारा नियंत्रित थीं. सुधाकर शेट्टी इस समय कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर बिल्डरों के साथ काम कर रहा है. उसके कई प्रोजेक्ट्स पर आरोप लगे हैं और उनमें से कुछ पर मुकदमे भी चल रहे हैं.
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सूत्रों के मुताबिक डीएचएफएल (DHFL) कंपनी के प्रमोटर कपिल वधावन (Kapil Wadhawan) और धीरज वधावन (Dheeraj Wadhawan) ने 12 हजार करोड़ रुपये के कथित घोटाले में से कम से कम 3 हजार करोड़ रुपये की हेराफेरी के लिए सहाना ग्रुप (Sahana Group) के चेयरमैन सुधाकर शेट्टी (Sudhakar Shetty) का इस्तेमाल किया.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डीएचएफएल कंपनी ने जिन 79 फर्जी कंपनियों को लोन देकर पैसों की हेराफेरी को अंजाम दिया उनमें से सुधाकर शेट्टी की 6 कंपनियों की भूमिका जांच के दायरे में है. सुधाकर की इन फर्जी कंपनियों ने डीएचएफएल से मिली लोन की रकम को दर्शन डेवलपर नाम की उस कंपनी में निवेश किया जिसमें सुधाकर के अलावा वधावन की हिस्सेदारी शामिल थी. और कुछ इस तरह लोन के नाम जारी की गई रकम दोबारा वधावन के ही जेब में पहुंच गई.