22 मई को हैँ शनि जयंती : पूर्ण श्रद्धा से उनकी आरधना व तेल अभिषके करवाने से दूर हो जाती है सारी दिक्कतें

शनि देव को सूर्य पुत्र एवं कर्म फल दाता के रूप में जाना जाता है। यह एक लंबे अंतराल के बाद एक राशि से दूर राशि में प्रवेश करता है। यह एक मात्र ग्रह है जिसकी अनुकम्पा से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यदि इसके शुभ प्रभाव किसी पर पड़ जाएं तो उससे भाग्यशाली इस पूरे संसार में कोई नहीं रह जाता। वही दूसरी ओर यदि इसके दुष्प्रभाव किसी पर पड़ जाएं तो उसका सारा जीवन उथल -पुथल हो जाता है। उसके जीवन में परेशानिया बढ़ने लगती है। इन परेशानियों से मुक्ति प्राप्तकर शनि देव की कृपा प्राप्ति के लिए उनका तेल अभिषेक किया जाता है जिससे वह बहुत प्रसन्न होतें है तथा अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर कर देतें है।
कहते हैं जो यहां शनि महाराज की पूजा करते हैं उन्हें शनि की दशा, साढ़ेसाती और ढैय्या में शनि नहीं सताते।वह भक्त जो यहाँ शनि देव का पूजन करते है उनपर शनि की दृष्टि का वक्र नहीं पड़ता बल्कि उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। पूर्ण श्रद्धा से उनकी आरधना व तेल अभिषके करवाने से दूर हो जाती है यह दिक्कतें।
शनि की साढ़े साती और ढैय्या से होने वाली समस्याएं :-

आर्थिक दिक्कतें
मनचाही नौकरी में परेशानियां
व्यापार में उतार चढ़ाव
पारवारिक कलह-
विवाह में अड़चन आना
स्वास्थ्य खराब रहना
भवन निर्माण में रुकावट आना
कार्य स्थल पर अपमान का सामना करना
शनि अभिषेक के लिए
श्री शनि शक्ति धाम मे संपर्क करें ज्योतिषविद श्री नरेश चंद्र रुवाली से +91 81716 02112 और +917524998842 पर और अपनी समस्याओ से मुक्ति और शनि देव की कृपा पाए।

ज्योतिषविद श्री नरेश चंद्र रुवाली

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