राजनेताओं को क्यों समझ नहीं आती Social Distancing?

नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) ने ‘आम’ से लेकर ‘खास’ तक सभी को निशाना बनाया है, लेकिन इसके बावजूद नेता कुछ समझना नहीं चाहते. सबसे ताजा मामला पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Qureshi) का है, जिन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग की खुलेआम धज्जियां उड़ाईं और सवाल पूछने पर पत्रकार पर बरस पड़े. हालांकि, कुरैशी एकमात्र ऐसे राजनेता नहीं हैं, इस लिस्ट में कई नाम शामिल हैं. उदाहरण के तौर पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) को ही लें. जब पूरी दुनिया ‘हाथ मिलाने’ की आदत से तौबा कर रही थी, तब जॉनसन हर किसी से हाथ मिलाना चाहते थे – यहां तक कि कोरोनावायरस के मरीजों से भी. उन्होंने गर्व के साथ कहा था कि वह कोरोना के डर से लोगों से हाथ मिलाना नहीं छोड़ सकते. हालांकि, इस नासमझी ने उन्हें सीधा ICU में भेज दिया. कोरोना से लंबी लड़ाई के बाद हाल ही में वह स्वस्थ होकर वापस लौटे हैं.

बोरिस जॉनसन की तरह ही ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो (Jair Bolsonaro) को भी सोशल डिस्टेंसिंग समझ नहीं आती. बोल्सोनारो कोरोना को मामूली बुखार करार देते रहे. उन्होंने न खुद बचाव के उपायों पर अमल किया और न ही जनता को करने दिया. नतीजतन, आज ब्राजील में संक्रमण के मामले 101,000 से अधिक पहुंच गए हैं. जबकि राष्ट्रपति की नासमझी के चलते 7,000 से ज्यादा लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है. संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए ब्राजील के राष्ट्रपति की क्या योजना है? इसका जवाब खुद जेयर बोल्सोनारो के पास नहीं होगा. क्योंकि वह खुद कड़े उपायों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे हैं. बोल्सोनारो कुछ गवर्नरों द्वारा लागू किये गए स्टे-ऐट-होम आदेश के विरोध में हैं और उन्होंने कुछ वक्त पहले हजारों प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति महल के प्रांगण में जमा होने की अनुमति दी थी. इस दौरान वह बिना मास्क लगाये लोगों की भीड़ के बीच भी गए थे.

इन दोनों नेताओं की बराबरी अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कर ली है. वह कोरोना वायरस उपचार केंद्र में बिना मास्क लगाये पहुंचे और वहां सोशल डिस्टेंसिंग की परवाह किये बिना प्रेस कांफ्रेंस भी आयोजित कर डाली. जब एक पत्रकार ने उन्हें नियमों के बारे में याद दिलाया, तो मंत्री महोदय भड़क उठे. पाकिस्तान में कोरोना के मामलों में लगातार हो रहे इजाफे के पीछे मंत्रियों की यही सोच जिम्मेदार है. इमरान सरकार महामारी को नियंत्रित करने में नाकाम साबित हो रही है. पिछले 24 घंटों में यहां संक्रमण के 1,900 नए मामले सामने आये हैं.

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