नई दिल्ली। केरल के कोझिकोड इंटरनेशनल एयरपोर्ट (कारीपुर एयरपोर्ट) पर हुए विमान हादसे ने एक बार फिर से मंगलोर में हुए विमान (Air India Express Flight 812) हादसे की याद ताजा कर दी है। आज (7/8/20) देर शाम हुए हुए विमान हादसे और 22 मई 2010 को मंगलोर में हुए विमान हादसे में काफी कुछ समानता है। ये दोनों ही विमान दुबई से आ रहे थे। दोनों ही विमान बोइंग 737 थे। दोनों ही एयर इंडिया के विमान थे। ये दोनों ही विमान रनवे से फिसल गए थे। इन दोनों ही विमानों के फिसलने की वजह बारिश की वजह से रनवे का गिला होना थी।
मंगलोर हादसे में विमान रनवे से फिसलने के बाद खाई से नीचे गिर गया था। शुक्रवार को हुए हादसे में जहां एक पायलट की मौत होने की पुष्टि की जा रही है और दूसरे पायलट की हालत नाजुक बताई जा रही है, वहीं मंगलोर विमान हादसे में विमान में सवार 158 यात्री मारे गए थे। इनमें विमान के पायलट भी शामिल थे। ये विमान एयरपोर्ट की दीवार को तोड़ता हुआ खाई में जा गिरा था।
मंगलोर एयरपोर्ट के जिस रनवे पर 2010 में हादसा हुआ था उसे दस दिन पूर्व ही विमानों के लिये खोला गया था। शुक्रवार को एयर इंडिया का जो विमान रनवे से फिसला उसमें कुल डीजीसीए प्रमुख के मुताबिक 195 यात्री सवार थे। कहा जा रहा है कि विमान के रनवे से फिसलने के बाद दिवार से जा टकरा और दो हिस्सों में टूट गया। इसके एक हिस्से में आग लग गई। ने की खबरें हैं। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं।
3 जून 2020 को भारत सरकार ने वायुसेना के पूर्व वाइस चीफ एयर मार्शल भूषण नीलकंठ गोखले के नेतृत्व में इस हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी गठित की थी। उनके सपोर्ट के लिए चार विशेषज्ञों को भी इसमें शामिल किया गया था। 30 सितंबर 2010 को उन्होंने इस विमान हादसे में बचे यात्रियों से पूछताछ और तकनीकी जांच के बाद अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। इस रिपोर्ट में कहा गया विमान के एक पायलट उड़ान के दौरान गहरी नींद में सो गया था। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की जांच के बाद पता चला कि पायलट ने 110 मिनट के बाद कुछ कहा था। इस रिकॉर्डर में पायलट के सोने के वक्त उसके खर्राटों की आवाज साफ सुनाई दे रही थी। इसमें ये भी कहा गया कि दोनों ही पायलट इस बात को जान चुके थे कि विमान गलत जगह जा रहा है। इस दोरान दोनों के बीच इसको लेकर बात भी हुई थी और विमान भी इसको लेकर आगाह कर रहा था। इस रिपोर्ट में विमान हादसे की जिम्मेदारी पायलट की ही बताई गई थी।