नई दिल्ली। देश के विभिन्न राज्यों की सरकारों के कामकाज को लेकर भी सर्वे किया गया . इस सर्वे में जनता से देश के अलग-अलग राज्यों में वहां की सरकार के शासन को लेकर सवाल पूछे गए. इनमें जनता ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सबसे अच्छा माना और वह सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री साबित हुए.
मुड ऑफ द नेशन जानने के लिए किए गए सर्वे में सबसे अधिक 24 फीसदी लोगों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पंसद किया और माना कि वे सबसे अच्छा काम कर रहे हैं. यही सवाल जनवरी में भी किया गया था, तब 18 फीसदी लोग उन्हें पसंद कर रहे थे. यानी कि योगी ने अपने कामकाज से अपनी लोकप्रियता में बढ़ोतरी की है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल देश में दूसरे सबसे पसंदीदा मुख्यमंत्री हैं. उन्हें 15 फीसदी लोगों ने अच्छा माना. केजरीवाल ने भी जनवरी के मुकाबले अपनी लोकप्रियता में इजाफा किया है, तब वे 11 फीसदी लोगों के पसंदीदा थे. तीसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी रहे, उन्हें 11 फीसदी लोगों ने पंसद किया.
नीतीश की लोकप्रियता में कमी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 9 फीसदी लोगों ने पसंद किया और वह चौथी सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री रहीं. हालांकि जनवरी के मुकाबले उनकी लोकप्रियता में कमी आई है. तब 11 प्रतिशत लोग ममता को पसंद कर रहे थे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ पांचवे नबंर पर हैं.
प्रदेश में सबसे लोकप्रिय CM जगन मोहन रेड्डी
इसके अलावा राज्य की जनता से जब उनके मुख्यमंत्रियों के बारे में पूछा गया तो अपने राज्य के अंदर सबसे लोकप्रिय आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी रहे. सर्वे में शामिल हुए प्रदेश के 87 फीसदी लोगों ने उनके काम को पसंद किया और अच्छा माना. दूसरे नबंर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रहे. उन्हें दिल्ली की 63 फीसदी जनता अच्छा मान रही है.
इसके बाद क्रमश: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (59%), बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (55%), महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (55%) और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (49%) अपने-अपने राज्यों में पसंदीदा रहे.
जिन 19 राज्यों में ये सर्वे किया गया उनमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. ये सर्वे 15 जुलाई से 27 जुलाई के बीच किया गया.
सर्वे में 52 फीसदी पुरुष, 48 फीसदी महिलाएं शामिल थीं. अगर धर्म के नजरिए से देखा जाए तो 86 फीसदी हिंदू, 9 फीसदी मुस्लिम व पांच फीसदी अन्य धर्मों के लोगों से उनकी राय जानी गई. जिन लोगों पर सर्वे किया गया उनमें 30 फीसदी सवर्ण, 25 फीसदी एससी-एसटी व 44 फीसदी अन्य पिछड़े वर्ग के लोग शामिल थे.
सर्वे में शामिल 57 फीसदी लोग 10 हजार रुपये महीने से कम की आमदनी वाले थे जबकि 28 फीसदी 10 से 20 हजार रुपये और 15 फीसदी 20 हजार रुपये महीने से ज्यादा कमाने वाले लोग थे. सर्वे के सैंपल में किसान, नौकरी पेशा, बेरोजगार, व्यापारी, छात्र आदि को शामिल किया गया था.