लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित मुस्लिम बहुल क्षेत्र डासना के शिव-शक्ति मंदिर में आसिफ नाम के एक किशोर की पिटाई के बाद मंदिरों को बदनाम करने का एक बार फिर सिलसिला सा चल पड़ा था। यहाँ तक कि तमाम वामपंथी मीडिया बिना महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती का पक्ष जाने पूरे हिन्दू समुदाय को एक बार फिर से असहिष्णु साबित करने में लग गए थे। लेकिन जल्द ही सबकी कलई खुल गई और कल तक डासना मंदिर में दावेदारी ठोककर जुमे की नमाज़ के बाद प्रवेश करने की धमकी देने वाले बसपा विधायक असलम चौधरी भी आज अपने बयान से पलटते नजर आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि उन्होंने यूपी पुलिस की डर से तगड़ा यू-टर्न लिया है।
उस दिन कैमरे पर महंत जी को धमकाने वाले बसपा विधायक असलम चौधरी आज कहते पाए गए, “मेरा ऐसा कोई बयान नहीं है कि मैं जुमे की नमाज़ के बाद मंदिर जाऊँगा और न ही मेरा जाने का ऐसा कोई प्रोग्राम है। पुलिस प्रशासन अपनी व्यवस्था देख रहे हैं। कई संगठनों के फोन आए थे मैंने उनसे भी कहा शांति भंग करने का मेरा कोई बयान नहीं है।”
हर हर महादेव
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असलम मियां LOL🤣🤣🤣Alsam changed his stand मैं मंदिर में नहीं जाऊंगा pic.twitter.com/nrL0F5kXm4— NARSINGH VANI / Yati Narsinghanand Sarswati (@NarsinghVani) March 19, 2021
यह सब हुआ एक तरफ योगी सरकार के डर, जो किसी भी प्रकार के अराजकता के सख्त खिलाफ हैं तो दूसरी तरफ महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती को विश्व हिंदू परिषद (VHP) सहित तमाम हिन्दू संगठनों और श्रद्धालुओं के सहयोग और एकजुटता के कारण। हालाँकि, इससे पहले ही वामपंथी मीडिया और उसके गिरोह द्वारा बनाए गए माहौल कि डासना के देवी मंदिर में एक मुसलमान को पानी नहीं पीने दिया जा रहा है। उसके लिए उसे मारा गया की हवा खुद जमानत पर छूटे श्रृंगी यादव और महंत नरसिंहानंद के बयानों से पहले ही निकल गई थी।
हर हर महादेव
आज यह शिवशक्ति धाम डासना देवी मंदिर का जनसैलाब उन मक्कार भेडियों के लिए चेतावनी का संदेश दे रहा है हम और शिकार नहीं बनने वाले है ।
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यहाँ ध्यान देने वाली बात यह भी है कि आज जैसी आशंका जताई जा रही थी कि जुमे की नमाज के बाद भारी संख्या में विधायक असलम चौधरी और अन्य मुस्लिम संगठनों के नेतृत्व में मुस्लिम भीड़ डासना मंदिर की तरफ बढ़ सकती है। जिसे देखते हुए मंदिर और महंत के समर्थन में तमाम हिन्दू श्रद्धालु मंदिर परिसर में जुटने लगे थे। साथ ही यूपी की पुलिस प्रशासन भी सतर्क थी। तो वहीं हिन्दू संगठनों ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए मंदिर के गेट पर पहले से भी एक बड़ा बोर्ड लगा दिया था। जिस पर लिखा है, “यह मंदिर हिन्दुओं का पवित्र स्थल है। यहाँ मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है।”
यह इस बात की कहीं न कहीं घोषणा भी थी कि हिन्दू समुदाय मुस्लिमों के ऐसे धमकियों से नहीं डरने वाला है। इससे पहले ही मंदिर प्रशासन का साफ कहना था कि वे किसी भी कीमत पर इस बोर्ड को नहीं हटाएँगे क्योंकि यह बोर्ड जब 10 साल पहले जब यहाँ के मुस्लिमों से तंग होकर लगाया गया था। उस समय प्रदेश में बसपा की सरकार थी, उसके बाद समाजवादी पार्टी की सरकार बनी और अब भाजपा की सरकार है। लेकिन अब आज के इस माहौल में यह बोर्ड नहीं हटाया जाएगा।
हर हर महादेव
यह बोर्ड अब हमने दो दोगुने साइज का कर दिया है, सभी शिकारी भेड़िये इसे अपनी आंखों को खोलकर देख लें ।#डासना_मंदिर_का_बोर्ड_नही_हटेगा बल्कि यह बोर्ड और बड़ा हो गया है । pic.twitter.com/i8PmPTgri8— NARSINGH VANI / Yati Narsinghanand Sarswati (@NarsinghVani) March 19, 2021
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने ट्विटर पर एक प्रेस रिलीज जारी कर महंत जी के साथ एकजुटता प्रदर्शित की थी। साथ ही बजरंग दल के प्रांत संयोजक विजय त्यागी ने गाजियाबाद के डासना मंदिर में 19 मार्च को विधायक असलम चौधरी द्वारा प्रवेश किए जाने वाले भड़काऊ बयान पर कहा था कि यदि असलम चौधरी हिंदुओं के देवी-देवताओं के प्रति अपनी श्रद्धा व पूर्व में किए गए कृत्यों के पश्चाताप के लिए मंदिर आना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है। किंतु यदि असलम जेहादी मानसिकता को लेकर मंदिर में प्रवेश करना चाहते हैं तो प्रांत संयोजक ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि बाबर की औलादों हिंदू समाज ने भी अपने हाथों में चूड़ियाँ नहीं पहन रखी है। हिंदू समाज भी ईंट का जवाब पत्थर से देना जानता है।
विकास त्यागी ने अपने उसी पत्र में यह भी कहा कि हमारे मठ, मंदिरों, साधु संतों व हमारी हिंदू संस्कृति के ऊपर यदि किसी ने हमला करने का तथा ऊँगली उठाने का प्रयास किया तो परिणाम बहुत गंभीर होंगे। विकास त्यागी ने योगी सरकार से माँग करते हुए कहा कि एमएलए असलम चौधरी को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और ऐसी मानसिकता रखने वाले सभी जिहादियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने चेतवानी देते हुए बसपा विधायक से कहा, “भले ही आप लोग 90% से ऊपर होंगे किन्तु विधायक असलम चौधरी जी डासना के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती जी के पवित्र स्थल पर कोई दुस्साहस मत कर बैठना। जनता ने आपको विकास व सुरक्षा के लिए चुना है, धौंस, धमकी या दंगे के लिए नहीं।”
गौरतलब है कि यह सब बवाल तब और बढ़ गया जब आसिफ से मिलने के लिए विधायक असलम चौधरी से लेकर दिल्ली की पूर्व विधायक अलका लांबा, कॉन्ग्रेस के जिला अध्यक्ष विजेंद्र यादव समेत अनेक विपक्षी नेता उसके घर पहुँचने लगे। सोमवार (मार्च 15, 2021) को ही धौलाना के बसपा विधायक असलम चौधरी जब आसिफ के घर पहुँचकर उसका हाल चाल लिया। तभी धमकी भरे अंदाज में असलम ने ज्ञान देते हुए बहुत कुछ कह दिया था कि कोई भी धार्मिक स्थल हो, उन पर सभी का अधिकार होता है। देवी मंदिर भी उनके वंशजों की विरासत है। माफिया व अपराधिक प्रवृत्ति के लोग अमन बिगाड़ना चाहते हैं।
असलम ने यहाँ तक कहा था, “डासना मंदिर हमारे पूर्वजों का मंदिर है। यह मंदिर हमारे पूर्वजों ने बनाया है। यहाँ पर कुछ गुंडे प्रवृत्ति के लोग आ गए। कुछ लोगों ने बाहर से आकर मंदिर पर कब्जा करना चाहा और तरह-तरह की एक्टीविटी करके यहाँ के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की। मगर यहाँ के हिंदू-मुसलमान के बीच इतनी एकता है कि उन्होंने इसे बिगड़ने नहीं दिया। हम इन गुर्गों को बताना चाहेंगे कि मंदिर हमारी विरासत है। हम पानी पीने भी जाएँगे, अपनी मंदिर की देख-रेख करने भी जाएँगे। मैं मंदिर में जाऊँगा। मैं देखता हूँ कि कौन रोकता है।”
उन्होंने तो यह भी कहा, “यह जो बाबा है, वह बहुत बड़ा गुंडा है, माफिया है, इसने माहौल बिगाड़ने का काम किया है। वो जो बिहार का गुंडा आसिफ पर लात मार रहा था। अगर हम जैसे लोगों को उस टाइम पर पता चल जाता तो बवाल बड़ा हो जाता। अब वह जेल में है। इस बच्चे की पैरोकारी करेंगे। उसकी जमानत भी नहीं होने देंगे।”
विधायक असलम के ऐसे धमकियों के बाद भी जहाँ श्रृंगी यादव को आसानी से जमानत मिल गई तो वहीं आज विधायक खुद अपने धमकी भरे बयान से पलटते नजर आए जबकि शायद वह यह भूल गए कि उनका पिछला बयान भी टीवी सहित सोशल मीडिया पर न सिर्फ चल चुका है बल्कि वायरल भी है।
वहीं ‘सुदर्शन न्यूज़’ से बात करते हुए श्रृंगी यादव ने बताया था कि वो लड़का झूठ बोल रहा है कि वो पानी पीने के लिए मंदिर के भीतर घुसा था। उन्होंने कहा था कि मंदिर में कई शिवलिंग मौजूद हैं। आसिफ को पीटने के मामले में गिरफ़्तारी के बाद जमानत पर बाहर आए श्रृंगी यादव ने बताया था कि उसने उस लड़के को शिवलिंग पर चढ़ाए गए जल में पेशाब करते हुए देखा था। साथ ही इस तथ्य को दोहराया कि अगर उसे पानी पीना होता तो वो मंदिर के बाहर कई चापाकल और नल हैं, उनमें से पी लेता।
बता दें कि धौलाना से बसपा विधायक असलम चौधरी की दबंगई पहले भी देखने को मिली है। पिछले दिनों उनके दबंगों को टोल पर हफ्ता वसूली करते हुए देखा गया था और मना करने पर उनके साथ मारपीट भी की गई थी। विधायक और उनके गुंडों ने टोल कर्मियों को इस कदर पीटा कि उन्हें घायल कर दिया था।
गौरतलब है कि डासना देवी मंदिर पौराणिक समय से महाभारत के इतिहास से जुड़ा हुआ है। यहाँ पर अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने कुछ समय बिताया था। इस मंदिर पर जब हमला हुआ था तो यहाँ पर देवी देवाताओं की मूर्तियों को मंदिर परिसर में बने एक तालाब में छुपा दिया गया था। नवरात्र पर्व के मौके पर अष्टमी और नवमी के दिन हजारों की संख्या में लोग ऐतिहासिक महत्व वाले डासना स्थित प्राचीन देवी में दर्शन के लिए आते हैं। परिवार के लोगों की सुख शांति के लिए प्रचंड चंडी देवी की पूजा करते हैं। कहा जाता है कि करीब पाँच हजार साल पुराने इस मंदिर में भगवान शिव, नौ दुर्गा, सरस्वती, हनुमान की मूर्ति स्थापित हैं।