लखनऊ । यूपीएससी में 296वीं रैंक हासिल करने वाले ऋतुराज प्रताप यादव अपनी सफलता से बेहद खुश हैं। इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग से बीटेक करने के बाद रिलायंस रिफाइनरी जामनगर में उन्हें मेंटिनेंस इंजीनियर का पद मिल गया था। 18 लाख का सालाना पैकेज था। लेकिन उनके ख्वाबों में आईएएस अधिकारी बनने का सपना जिंदा था। यही वजह थी कि उन्होंने 18 लाख का पैकेज छोड़ दिया और पहली ही बार में यूपीएससी में सफलता हासिल कर ली।
मूलरूप से जनपद के नगला बूचा निवासी ऋतुराज ने नगर के सुदिती ग्लोबल स्कूल से 10वीं की परीक्षा वर्ष 2012 और वर्ष 2014 में सीआरबी स्कूल से 12वीं की परीक्षा पास की। 2015 से 2019 के बीच उन्होंने एनआईटी सूरत से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में बीटेक किया। 2020 में उन्हें रिलायंस रिफाइनरी जाम नगर में 18 लाख रुपये पैकेज में मेंटिनेंस इंजीनियर बनने का मौका मिल गया।
मैनपुरी। ऋतुराज बताते हैं कि उनका और उनके पिता का सिविल सेवा का सपना था। नौकरी लगने के बाद सिविल की तैयारी नहीं हो पा रही थी। इसलिए उन्होंने एक साल बाद ही नौकरी छोड़ दी और तैयारी करने के लिए दिल्ली आ गए। माता-पिता ने उनके लिए बहुत मेहनत की। उन्हीं की मेहनत की बदौलत उन्हें सिविल सेवा में सफलता मिल पायी।
माता और पिता को ऋतुराज ने दिया सफलता का श्रेय
सिविल सेवा में चयनित होने पर ऋतुराज का पूरा परिवार खुश है। उन्हें ऋतुराज पर पूरा भरोसा था। पहले ही प्रयास में ऋतुराज को सफलता मिली तो परिवार और शुभचिंतकों ने उन्हें बधाई दी। पूरे परिवार में जश्न का माहौल बना हुआ है। माता-पिता ने ऋतुराज के चयनित होने पर जमकर मिठाई बांटी और बधाई देने वालों का आभार जताया।
मैनपुरी ब्लाक के नगला बूचा निवासी ऋतुराज दो भाई हैं। उनका छोटा भाई पुष्पराज भी दिल्ली में बीटेक करने के बाद सिविल की तैयारी कर रहा है। पुष्पराज ने आईआईटी रुड़की से बीटेक किया है। ऋतुराज के पिता सतीश चंद्र यादव पूर्व माध्यमिक स्कूल करीमगंज में संकुल शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। उनकी मां सुनीता ग्रहणी हैं। शिक्षा विभाग के लोगों ने उन्हें बधाई दी है।
सफलता के ऋतुराज द्वारा दिए गए मंत्र-
– 10वीं से ही लक्ष्य बनाकर मेहनत करें
– जो भी पढ़ें मन से पढ़ें
– अपने अंदर क्षमता पैदा करें
– सहनशीलता और मेहनत को जीवन में उतारें
– निराश बिल्कुल न हों
– व्यक्तित्व के लिए मेहनत करते रहें
– 9 से 10 घंटे की पढ़ाई लक्ष्य के लिए काफी है