सावन के दूसरे शनिवार को बन रहा बेहद खास संयोग, 5 राशि के जातक जरुर करें ये काम

सावन का महीना भगवान शिव का माना जाता है, हिंदू धर्म में इसका खास महत्व है, इस पूरे महीने भोलेनाथ की विधिवत पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है, संकटों का नाश होता है, भोलेनाथ की कृपा से भक्तों के जीवन में सभी दोषों का नाश होता है, व्यक्ति अपना जीवन सुखमय व्यतीत करता है।

सावन के शनिवार का भी महत्व

सावन में आने वाले हर दिन तथा तिथि का महत्व है, सावन में आने वाले सोमवार और मंगलवार का विशेष महत्व है, साथ ही सावन के शनिवार का भी विशेष महत्व बताया जाता है, शनिदेव को प्रसन्न करने तथा उनकी कृपा पाने के लिये सावन का शनिवार बेहद खास है, सावन के दूसरे शनिवार के दिन खास योग होने से कुछ राशियों के लिये ये बेहद खास है।

करें खास उपाय

शनि की महादशा साढेसाती और ढैय्या झेल रही राशियों को सावन के दूसरे शनिवार के दिन कुछ खास उपाय करने की सलाह दी जाती है, ऐसे करने में शनि के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है, आपको बता दें कि मकर, कुंभ, धनु, तुला और मिथुन राशि के जातक इस समय शनि के अशुभ प्रभाव झेल रहे हैं, इस कारण उन्हें शारीरिक, मानसिक तथा आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ज्योतषी के मुताबिक सावन में शनिदेव की पूजा करने से अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है।

इस शनिवार खास योग

सावन में आने वाले शनिवार का बी खास महत्व है, इस बार शनिवार को सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और वृद्धि योग बन रहा है, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग शाम 7.03 बजे से अगले दिन सुबह 5.38 तक रहेगा, ऐसे में शनिदेव की पूजा का खास महत्व और बढ जाता है।

महादशा से बचने के लिये करें ये उपाय
अभी शनि गोचर से कुल 5 राशियों शनि साढेसाती और ढैय्या की चपेट में आ गई है, ऐसे में शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिये शनिदेव को सरसों के तेल से अभिषेक करें, सरसों के तेल का दान करें, इस दिन गलती से भी लोहा या लोहे से बनी चीजों को ना खरीदें और बेचे, शनि चालीसा का पाठ करें, साथ ही पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल की दीया जलाएं।

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