नई दिल्ली। यूएई में भारतीय दूतावास ने साइबर क्राइम से जुड़ा जरूरी अलर्ट जारी किया है. दरअसल, कुछ साइबर अपराधी दूतावास का फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर लोगों से ठगी कर रहे हैं. आरोपी उन लोगों को निशाना बनाते हैं जो किसी तरह की जरूरत में है जिस वजह से वे आसानी से झांसे में आ जाते हैं. ट्विटर अकाउंट को आधिकारिक दिखाने के लिए आरोपी लगातार ट्वीट करते हैं जिनमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को टैग भी करते हैं.
इस नाम से चला रहे फेक अकाउंट
साइबर फ्रॉड लोगों को ठगने के लिए @embassy_help नाम से ट्विटर हैंडल चला रहे हैं. इनका पेज किसी भी आम भारत से जुड़े सरकारी पेज जैसा ही है, जिससे लोग आसानी से इनका शिकार हो जाते हैं. आरोपियों की ईमेल आईडी भी ind_embassy.mea.gov@protonmail.com नाम से है जिसे देखकर ही ऑफिशियल जैसा महसूस होता है लेकिन ये पूरी तरह फेक है.
ये साइबर ठग लोगों से उनकी मदद करने के नाम पर 15 हजार रुपयों से लेकर 40 हजार रुपयों तक ठग लेते हैं. पीड़ितों में अधिकतर वो लोग शामिल होते हैं जिन्हें यूएई से भारत के लिए हवाई टिकट की जरूरत है, या वीजा से जुड़ा कुछ काम है. जब काफी संख्या में लोग इनकी ठगी का शिकार हुए तो अबू धाबी में इंडियन एम्बेसी में शिकायतों का अंबार लग गया. जिसके बाद अब भारतीय दूतावास ने अलर्ट जारी किया है.
भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने खलीज टाइम्स अखबार से बात करते हुए कहा कि एम्बेसी के नाम से फर्जी सोशल मीडिया हैंडल बनाया गया है. जब लोग सोशल मीडिया पर भारत के प्रधानमंत्री या अन्य आधिकारिक लोगों को टैग करके मदद मांगते हैं तो फ्रॉड उनसे खुद को ऑफिशियल दिखाते हुए संपर्क करते हैं. जिसके बाद ये सभी फ्रॉड लोग मासूम लोगों को ठगना शुरू कर देते हैं और मदद करने के नाम पर पैसे ऐंठते हैं.
भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने बताया कि इन लोगों का शिकार अबू धाबी से शवों को भारत ले जाने के लिए मदद मांगने वाले लोग और आर्थिक संकट में फंसे लोग भी आसानी से बन जाते हैं. आरोपी पहले उनसे बात करते हैं और फिर फ्लाइट टिकट अरेंज करने के नाम पर उनसे पचास फीसदी पैसा रिफंडेबल बोलकर मांगते हैं. मजबूरी में लोग उन्हें किसी तरह नेट बैंकिंग के जरिए पैसा देते हैं, जिसके बाद से ही आरोपियों की ओर से जवाब आना बंद हो जाता है.
पर्सनल डिटेल्स शेयर करने पर ऐसा हाल करते हैं ठग
भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने बताया कि ठगों का सिर्फ एक ही तरीका नहीं है. कुछ मामलों में इन्होंने पीड़ितों से अपनी फेक ईमेल आईडी पर पर्सनल डिटेल्स मंगवाई और उसके बाद जिस कंपनी में पीड़ित काम करते हैं, उनके बड़े अफसरों और कंपनी एचआर के खिलाफ आपत्तिजनक मैसेज बनाकर उन लोगों की कंपनियों को भेज देते हैं. जिसके बाद कंपनियां उन पीड़ितों पर एक्शन भी लेती हैं. पहले ही वो लोग काफी परेशानी में होते हैं और उन्हें फ्रॉड और ज्यादा संकट में डाल देते हैं.
प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान में एम्बेसी ऐसे तीन-चार मामलों को देख रहा है, जिनके साथ ऐसा किया गया है. ठगों की हरकत की वजह से कुछ पीड़ित कंपनियों की ओर से कानूनी कार्रवाई झेल रहे हैं तो कई लोग तो अपनी नौकरी भी खो चुके हैं तो कुछ लोगों ने बिना गलती फाइन भी भरा है.
भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि यह एक बड़ा रैकेट बनता जा रहा है. आरोपी खुद को आधिकारिक दिखाने के लिए फेक ट्विटर हैंडल को लगातार चला रहे हैं और भारत के प्रधानमंत्री समेत अन्य मंत्रियों के ट्विटर हैंडलों पर भी नजर रखते हैं. प्रवक्ता ने बताया कि हमें अपनी आधिकारिक मेल आईडी पर लगातार इन मामलों की शिकायत मिल रही हैं जिनको लेकर गंभीरता से जांच की जा रही है.
भारतीय दूतावास की वेबसाइट से लें ऑफिशियल डिटेल्स
इंडियन एम्बेसी की ओर से बताया गया कि हमें डर है कि और ज्यादा लोग इन ठगों के शिकार न बन जाएं, इसलिए लोगों का लगातार जागरूक किया जा रहा है. अगर किसी को एम्बेसी से किसी तरह का संपर्क करना है तो एम्बेसी की ईमेल आईडी, ट्विटर हैंडल, फेसबुक आईडी और फोन नंबर आधिकारिक वेबसाइट पर दिया गया है.