₹60 करोड़ की योजना, ₹30 करोड़ ही खर्च किए, ₹52 करोड़ विज्ञापन पर फूँक डाले: दिल्ली के ‘शिक्षा मॉडल’ की फिर खुली पोल

मनीष सिसोदिया, AAP, दिल्ली सरकारनई दिल्ली। दिल्ली सरकार अक्सर अपने तथाकथित शिक्षा मॉडल को लेकर देश भर में ढोल पीटती रहती है और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री बताते नहीं थकती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी जगह-जगह होने वाली चुनावी सभाओं में दावा करते हैं कि अमेरिका तब से लोग दिल्ली के स्कूल देखने आते हैं। हालाँकि, इस ‘शिक्षा मॉडल’ की पोल समय-समय पर खुलती रही है। इसकी ताज़ा बानगी भी सामने आई है।

दरअसल, दिल्ली सरकार ‘Entrepreneurial Mindset Curriculum’ नाम से एक योजना लेकर आई। इस योजना के तहत दिल्ली के स्कूलों को 56.14 करोड़ रुपए दिए गए। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यार्थी को 2000 रुपए दिए जाने थे। दिल्ली सरकार ने जो इसकी आंतरिक रिपोर्ट मँगाई है, उससे ही उसकी पोल खुल गई है। 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए लाई गई इस योजना के तहत बजट में 60 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था।

जो 56.14 करोड़ रुपए स्कूलों को भेजे गए, उसमें से 26 करोड़ रुपए स्कूलों ने खर्च तक नहीं किए और दिल्ली सरकार को वापस लौटा दिए। इसका सीधा अर्थ है कि ‘एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम (EMC) के लिए प्रावधान तो 60 करोड़ रुपए का किया गया था, लेकिन इसमें से मात्र 30 करोड़ रुपए ही स्कूलों ने खर्च किए। हैरानी की बात तो ये है कि इसका पौने 2 गुना तो AAP सरकार ने सिर्फ इस योजना के विज्ञापन पर खर्च कर डाले।

असल में इन रुपयों का इस्तेमाल छात्रों को बिजनेस के लिए आईडिया विकसित करने के लिए होना था। अब 2000 रुपए में छात्र कौन से बिजनेस आईडिया विकसित कर लेंगे, ये समझ से परे है। अप्रैल 2022 में मनीष सिसोदिया ने इस संबंध में भूटान से करार की बात भी कही थी। मनीष सिसोदिया फ़िलहाल शराब घोटाले में भी फँसे हुए हैं, क्योंकि वो शिक्षा के साथ-साथ आबकारी वाला विभाग भी देख रहे हैं। दिल्ली के स्कूलों में बस घोटाला भी सामने आया है।

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