यूक्रेन में कत्लेआम मचाने की तैयारी में रूस! पुतिन के खतरनाक प्लान का हुआ खुलासा

रूस और यूक्रेन युद्ध एक साल से बदस्तूर जारी है. इस एक साल की अवधि में ना तो रूस की आक्रामकता कम हुई है और ना ही यूक्रेन ने हार मानी है. ऐसे में अब खबर है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन पर मास सुसाइड अटैक की योजना बना रहे हैं. लगभग तीन महीने तक यूक्रेन पर आत्मघाती हमले करने का खाका तैयार किया जा रहा है.

यह रिपोर्ट यूक्रेन पर रूस के हमले के एक साल पूरा होने के बाद आई है, जिसमें कहा गया है कि पुतिन तीन तरह की परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं जिनमें से एक यह है कि रूस की गतिविधियों से उनके पड़ोसियों पर हमले का खतरा बढ़ सकता है. दूसरा यह है कि यूक्रेन को पश्चिमी देशों की ओर से लगातार सप्लाई किए जा रहे हथियारों की मदद से जीत मिल सकती है और तीसरा यह है कि रूसी सेना के पस्त होने और पुतिन के युद्ध को लेकर घरेलू स्तर पर विश्वास खत्म हो जाने से यह युद्ध खत्म हो सकता है.

बता दें कि रूस के हमले में यूक्रेन के 7000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. लगभग 80 लाख लोग अपने घर छोड़कर चले गए हैं. यूक्रेन के कई शहर के शहर मलबे के ढेर में तब्दील हो गए हैं.

रूस को सबक सिखाना जरूरी था

दिल्ली में G-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने भारत आए अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रूस को आड़े हाथों लिया. उन्होंने इंडिया टुडे के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले का खामियाजा सिर्फ यूक्रेन नहीं बल्कि पूरी दुनिया भुगत रही है. यह सिर्फ यूक्रेन या यूरोप के लिए चिंता की बात नहीं है बल्कि पूरी दुनिया में शांति के लिए भी चिंता का विषय है. इसकी कीमत पूरी दुनिया चुका रही है, तेल और गैस की कीमतें बढ़ी हैं, खाने-पीने की कीमत बढ़ी है. उससे भी अधिक यह संयु्क्त राष्ट्र के उस चार्टर का उल्लंघन है कि जिसमें कहा गया है कि कोई एक देश जाकर किसी दूसरे देश पर हमला नहीं कर सकता. उसकी सीमाओं पर धावा नहीं बोल सकता. उसके इलाकों पर कब्जा नहीं जमा सकता. उसकी पहचान नहीं छीन सकता.

विदेश मंत्री ब्लिंकन ने कहा कि रूस को रोकना इसलिए भी जरूरी हो गया था क्योंकि कल को कोई भी देश इसी तरह खड़ा होकर किसी भी देश पर हमला कर सकता है, जो स्वीकार्य नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने चीन की वुहान लैब से कोरोना वायरस के लीक होने से जुड़ी रिपोर्टों पर कहा कि हमारी इंटेलिजेंस एजेंसियों का इस पर फोकस है. अभी तक किसी भी एजेंसी की रिपोर्ट का कोई निष्कर्ष नहीं निकला है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *