अमृतपाल सिंह की गिरफ़्तारी के बाद तलवारें लहराते हुए सड़क पर उतरे निहंग: 19 मार्च से शुरू करने वाला था ‘खालसा यात्रा’, केंद्रीय गृह मंत्रालय की घटनाक्रम पर नजर

पंजाब में शनिवार (18 मार्च, 2023) को माहौल तब गर्म हो गया, जब पुलिस ने 100 गाड़ियों के साथ पीछा कर के खालिस्तानी अमृतपाल सिंह को उसके 6 समर्थकों के साथ दबोचा। इसके बाद राज्य भर में इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दी गईं। हालाँकि, अमृतपाल सिंह की गिरफ़्तारी के खिलाफ तलवार लिए निहंगों के सड़क पर उतरने के वीडियोज सामने आ रहे हैं। उधर पंजाब पुलिस ने अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की बात कही है।

मोहाली-चंडीगढ़ की सीमा पर ‘कौमी इंसाफ़ मोर्चा’ के कार्यकर्ताओं ने ‘बंदी सिंहों’ की रिहाई की माँग की है। साथ ही इनलोगों ने गुरुद्वारा सिंह शहीदाँ की तरफ कूच भी किया। बता दें कि ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन की स्थापना अभिनेता दीप सिद्धू ने की थी, जो किसान आंदोलन में भी सक्रिय था। उसकी दुर्घटना में मौत के बाद अमृतपाल सिंह ने बागडोर सँभाल ली, लेकिन दीप सिद्धू का परिवार उससे खुद को अलग दिखा रहा है और उसके नेतृत्व से संतुष्ट नहीं है।

अमृतपाल सिंह अमृतसर के जल्लूपुर खैरा गाँव का रहने वाला है। फ़िलहाल वहाँ बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। केंद्र ने पंजाब सरकार को हरसंभव मदद देने का भी आश्वासन जताया है। श्री मुक्तसर साहिब में भी धारा-144 लगा दी गई है, जहाँ से अमृतपाल सिंह 19 मार्च से ‘खालसा व्हीर यात्रा’ शुरू करने वाला था। अजनाला थाने में अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने पुलिस से बदतमीजी की थी, उसके बाद से ही पुलिस की नजर उस पर थी।

फाजिल्का जिले में भी धारा-144 लागू कर दी गई है। पंजाब पुलिस ने अब तक गिरफ़्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। बताया जा रहा है कि अमृतपाल सिंह को नकोदर से गिरफ्तार के उसे जालंधर लाया गया। पंजाब के मंत्री बलबीर सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कानून के राज की स्थापना की है। अमृतपाल सिंह को किस मामले में गिरफ्तार किया गया है, इस संबंध में फ़िलहाल पंजाब पुलिस ने चुप्पी रखी है।

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