बंगाल पुलिस से न सँभले तो हनुमान जनमोत्सव पर केंद्रीय बलों की लें मददः ममता सरकार को हाई कोर्ट का निर्देश, अमित शाह के मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

हाल ही में रामनवमी के दौरान देश के कई इलाकों में हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा देखने को मिली। बिहार और पश्चिम बंगाल में दंगे लंबे समय तक चलते रहे। वहीं अब गुरुवार (6 अप्रैल, 2023) को हनुमान जयंती का भी त्योहार है। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है कि वो सुनिश्चित करें कि हनुमान जयंती के दिन कोई हिंसा न हो। सलाह दी गई है कि उस दिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पहले से तैयारी कर ली जाए।

इससे साफ़ पता चलता है कि रामनवमी और उसके बाद हुई हिंसा की वारदातों के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्रालय सतर्क है। MHA ने राज्यों से कहा है कि वो उन सभी पहलुओं का ध्यान रखें, जो त्योहार के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की आशंका रखता हो। त्योहार का शांतिपूर्ण आयोजन हो सके, ये सुनिश्चित करने को कहा गया है। बिहार का सासाराम और नालंदा हिंसा की कई घटनाओं से जलता रहा। पीड़ित हिन्दुओं ने कैमरे के सामने आकर अपनी बातें रखी हैं।

उधर शिबपुर और रिशरा में ताज़ा हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की। इसके बाद उच्च न्यायालय ने TMC सरकार से पूछा कि वो हनुमान जयंती के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कौन-कौन से कदम उठा रही है? राज्य में जो महत्वपूर्ण इमारतें हैं, उनकी सुरक्षा के लिए केंद्र से अर्धसैनिक बलों की तैनाती के लिए निवेदन करने की सलाह भी कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को दी।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि ये निर्देश देना ज़रूरी था, ताकि आम जनता को ये आश्वासन मिले कि वो वो बिना किसी डर और नुकसान की आशंका के हनुमान जयंती के आयोजनों में हिस्सा लें। हावड़ा और हुगली में रामनवमी के दौरान सबसे ज्यादा हिंसा देखने को मिली थी। कलकत्ता हाईकोर्ट ने ‘सतर्कता से सावधानी भली’ कहावत की याद दिलाते हुए सलाह दी कि बंगाल सरकार अर्धसैनिक बलों की सहायता ले। बता दें कि सीएम ममता बनर्जी ने रमजान का हवाला देते हुए हिन्दुओं को ‘मुस्लिम एरिया’ में न जाने की सलाह दी थी।

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