उत्तर प्रदेश की एसडीएम ज्योति मौर्य का मामला अभी देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. ज्योति मौर्या पर उसके पति ने एसडीएम बनने के बाद छोड़ देने का आरोप लगाया था. अब मध्य प्रदेश के देवास में ऐसा ही मामला सामने आया है जहां पत्नी ने पति पर अफसर बनते ही दूसरी शादी करने का आरोप लगाया है.
पत्नी ने पति को पढ़ाने के लिए दूसरे के घरों में बर्तन मांजे, मजदूरी कर पैसे जुटाए, लेकिन जब पति कमर्शियल टैक्स अफसर बन गया तो उसने दूसरी महिला से शादी कर ली. दोनों आदिवासी समुदाय की हैं.
यह मामला देवास जिले के बागली क्षेत्र का है. ममता नाम की महिला की शादी कमरू हठीले से हुई थी. दोनों ने जून 2015 में कोर्ट मैरिज की थी. कमरू ग्रेजुएट था, लेकिन उसके पास नौकरी नहीं थी. पत्नी ममता ने उसे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए कहा. कमरू ने प्रतियोगी परीक्षाओं के फॉर्म और किताबों आदि पर होने वाले खर्च का जिक्र किया तो पत्नी ममता ने इसका जिम्मा उठाया.
पति की पढ़ाई के लिए ममता ने दूसरों के घरों में साफ-सफाई की. उसने दूसरे के घरों में बर्तन मांजे और दुकानों पर काम कर पति के लिए किताबें-नोट्स मंगवाएं जिससे उसका पति परीक्षा की तैयारी कर सके.
2019-20 में अफसर बन गया पति
आखिरकार 2019-20 में कमरू को सफलता मिली और कमर्शियल टैक्स अफसर के पद पर उसका चयन हुआ. रतलाम जिले में उसकी पोस्टिंग हुई. इसी बीच वह जोबट निवासी युवती के संपर्क में आया तो ममता को मायके भेजकर उसके साथ रहने लगा. ममता का कहना है कि उसके पहले पति का निधन हो गया था जिसके बाद वह कमरू के संपर्क में आई थी. दोनों करीब छह साल तक साथ रहे.
ममता ने बताया कि उसकी पहली शादी 16 वर्ष पहले हुई थी. शादी के ढाई साल बाद ही पति की मौत हो गई थी. पहले पति से एक बेटा था लेकिन कुछ महीने पहले ही उसके 15 वर्षीय बेटे की भी मौत हो गई. कमरु ससुराल पक्ष से रिश्ते में लगता था. ससुराल में रहते हुए पति के निधन के बाद दोनों का प्रेम प्रसंग शुरू हो गया था.
कमरू उस समय पढ़ाई करता था. कमरु को पढ़ाने के लिए खूब मेहनत की थी लेकिन नौकरी लगने के बाद वो बदल गया और दूसरी शादी कर ली. अब महिला न्याय के लिए दर-दर भटक रही है. उसने कोर्ट से 12 हजार रुपये प्रतिमाह भरण-पोषण के लिए दिए जाने की मांग की है.