केरल के एर्नाकुलम में एक नाबालिग हिन्दू बच्ची के अपहरण और हत्या का मामला सामने आया है। मृतका की उम्र 5 साल है, जिसका शव (29 जुलाई 2023) को कूड़े के ढेर से एक बोरे के अंदर मिला था। इस मामले में आरोपित के तौर पर पुलिस ने मूल रूप से बिहार के रहने वाले अशफाक आलम नाम के मजदूर को गिरफ्तार किया है।
अशफाक आलम ने बच्ची को शाकिर हुसैन नाम के व्यक्ति के साथ मिल कर किसी को बेचे जाने की बात कबूली है। इस बयान के आधार पर पुलिस 2 अन्य लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। घटना से नाराज कई लोगों ने प्रदर्शन किया और आरोपित को जनता के हवाले करने की माँग की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला एर्नाकुलम ग्रामीण क्षेत्र के अलुवा का है। यहाँ 5 वर्षीया लड़की अपने माता-पिता और 2 अन्य भाई-बहनों के साथ लगभग 4 वर्षों से रहती थी। क्लास 1 में पढ़ने वाली लड़की मूल रूप से बिहार के पश्चिम चंपारण की रहने वाली थी।
घटना के दिन शुक्रवार (28 जुलाई 2023) को लड़की के माता-पिता काम करने गए थे। लड़की को अकेला देख कर 2 दिन पहले वहाँ शिफ्ट हुए बिहार के अशफाक आलम ने उसका अपहरण कर लिया। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में अशफाक आलम को असम का रहने वाला बताया गया है।
अशफाक आलम को शुक्रवार को ही हिरासत में ले लिया गया। कस्टडी में लेने के दौरान आरोपित ने काफी नशा कर रखा था, इसलिए उससे पूछताछ अगले दिन शुरू हो पाई। अगले दिन अशफाक आलम ने बताया कि उसने शुक्रवार को बच्ची का अपहरण थाईकट्टुकारा में रेलवे गेट के पास से किया था। यहाँ से वो लड़की को लेकर त्रिशूर जाने वाली बस में बैठा। अशफाक की सारी करतूत CCTV में भी रिकॉर्ड हुई है।
बताया जा रहा है कि अशफाक बच्ची को अपने साथ कोच्चि के मुकुट प्लाजा स्थित एक किराए के घर में ले गया। इसके बाद क्या हुआ, अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। जाँच के दौरान ही बच्ची का शव शनिवार (29 जुलाई 2023) को पेरियार नदी के पास कूड़े के ढेर में एक बोरे के अंदर बरामद हुआ। कुछ रिपोर्ट्स में लड़की के साथ दुष्कर्म की भी आशंका जताई गई है।
शनिवार को पुलिस ने इस मामले में 2 अन्य लोगों को हिरासत में लिया है। दोनों से लड़की की हत्या के संबंध में पूछताछ चल रही है। घटना की जानकारी होने पर स्थानीय लोग थाने के आगे जमा हो गए। उन्होंने अशफाक को कानूनी सजा देने के बजाय अपने हवाले किए जाने की माँग की। गुस्साए लोगों ने कहा:
“अशफाक को जेल में रख कर खिलाने-पिलाने पर पैसा खर्च करना बेकार है, उसे मौके पर ही सजा मिलनी चाहिए। जिस ढंग से बच्ची की हत्या की गई, आरोपित को भी उसी ढंग से मारा जाना चाहिए। अगर सरकार ऐसा करने अक्षम है, तो उसे पब्लिक को सौंप दो।”