टीम इंडिया ने 70 सालों में 11 बार ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया है, लेकिन आज तक भारत भी कोई सीरीज नहीं जीत सका है. ऑस्ट्रेलिया ने वहां 44 टेस्ट मैच खेले और केवल 5 मैच जीते हैं. 1981 से पिछले 37 सालों में भारत केवल दो टेस्ट मैचों में जीत हासिल कर सका है. भारत को इनमें से पहली दो जीतें 1977-78 की सीरीज में मिली थी. ऑस्ट्रेलिया में मिली तीन जीतों पर डालते हैं एक नजर.
मेलबर्न टेस्ट1981
यह तीन मैचों की सीरीज थी. सिडनी में पहले टेस्ट में कप्तान ग्रेग चैपल भारत के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेल रहे थे. उन्होंने दोहरा शतक लगाया. भारतीय बल्लेबाजों के लिए डेनिस लिली, लेन पास्को और रोडनी हॉग को झेलना आसान साबित नहीं हुआ. भारत पहला टेस्ट एक पारी और 4रन से हार गया. एडिलेड में खेला गया दूसरा टेस्ट सैयद किरमानी, कृष्ण घावरी और शिवलाल यादव की बदौलत ड्रॉ हुआ.
तीसरे टेस्ट के लिए भारत मेलबर्न पहुंचा. ग्रेग चैपल ने टॉस जीता और आश्चर्यजनक रूप से पहले फील्डिंग करने का फैसला किया. गुंडप्पा विश्वनाथ ने शानदार शतक जमाया. भारत की टीम पहली पारी में 237 रन बनाकर आउट हो गई. ऑस्ट्रेलिया ने एलेन बॉर्डर के शतक की बदौलत 419 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया को 182 रन की लीड मिली. दूसरी पारी में कप्तान सुनील गावस्कर और चेतन चौहान ने पहली विकेट लिए 165 रनों की भागीदारी की. गावस्कर को संदिग्ध फैसले से आउट करार दे दिया गया. भारत की टीम 324 रन बनाकर आउट हो गई.
ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 143 रन बनाने थे, लेकिन ऑफ स्पिनर शिवलाल यादव, कृष्ण घावरी और संदीप पाटिल ने शुरुआती विकेट झटक कर ऑस्ट्रेलिया के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं. मैच के पांचवें दिन कपिल देव ने दिलीप दोषी के साथ गेंदबाजी शुरू की. कपिल देव ने 17ओवरों में पांच विकेट लेकर भारत को 59रन से जीत दिला दी. ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 83 रनों पर ढेर हो गई. भारत ने टेस्टी सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली. यह भारत की बड़ी नैतिक जीत थी.
एडिलेड टेस्ट, 2003
चार टेस्ट मैचों की यह सीरीज स्टीव वा के लिए फेयरवेल सीरीज थी. ऑस्ट्रेलिया की टीम ग्लेन मैकग्रा और शेन वॉर्न के बिना खेल रही थी. ब्रिसबेन में खेल गए पहले टेस्ट को भारत ने कप्तान सौरव गांगुली के 144 रनों की बदौलत ड्रॉ कराया था. एडिलेड, में स्टीव वॉ ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. रिकी पोन्टिंग ने दोहरा शतक लगा कर अपने कप्तान के फैसले को सही साबित किया. ऑस्ट्रेलिया ने पहले दिन का खेल समाप्त होने पर 5 विकेट पर 400 रन बनाए. अगले दिन ऑस्ट्रेलिया की पारी 556 रनों पर समाप्त हुई.
जवाब में भारत ने 82 रन पर अपने 4 महत्वपूर्ण विकेट गंवा दिए. सहवाग, सचिन, आकाश चोपड़ा और गांगुली पवेलियन लौट चुके थे. लेकिन कोलकाता के हीरो राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण के बीच 303 रन की भागीदारी हुई. लक्ष्मण 148 रनों पर 18 चौके लगाकर आउट हुए. भारतीय टीम 523 रन बना सकी. दूसरी पारी में भारत को अजित अगरकर के रूप में नया नायक मिला. ऑस्ट्रेलिया को स्कोर 3 विकेट पर 44 रन हो गया. ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 196 रन पर आउट हो गई. भारत को जीत के लिए 230 रन बनाने थे. भारत ने यह रन बनाकर टेस्ट मैच जीत लिया.
पर्थ टेस्ट, 2008
सिडनी में ‘मंकीगेट कांड’ के तत्काल बाद पर्थ में टेस्ट मैच हुआ. इस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया पहला टेस्ट 337 रन से जीत चुका था. सिडनी में भी भारत को अंपायरों की वजह से हार का सामना करना पड़ा. भारत के लिए तीसरे टेस्ट में, पर्थ में जीत यह साबित करने के लिए जरूरी थी कि उनकी टीम में अब भी ताकत बची है. भारत ने टास जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी की और 330 का सम्मानजनक स्कोर बनाया. द्रविड़ ने 93 और सचिन ने 71 रन की पारी खेली. मिशेल जानसन ने 4 और ब्रेट ली ने 3 विकेट लिए.
नई गेंद से गेंदबाजी करते हुए इरफान पठान ने दोनों ओपनरों को आउट कर दिया. इशांत ने रिकी पोन्टिंग को आउट किया. ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 212 रन पर आउट हो गई. भारत को पहली पारी के आधार पर 118 रन की लीड मिल गई. दूसरी पारी में सहवाग ने 43, इरफान पठान ने 46 रन बनाए. भारत की जीत 350 हो चुकी थी और 3 विकेट शेष थे. भारत ने अंत में ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 413 रनों का लक्ष्य दिया. ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआत में ही दो विकेट खो दिए. ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 340 रन बनाकर 72 रनों से मैच हार गई. सीरीज का चौथा टेस्ट एडिलेड में ड्रॉ रहा और भारत सीरीज 2-1 से हार गया