पूर्व तेज गेंदबाज मनोज प्रभाकर, दक्षिण अफ्रीका के हर्शेल गिब्स और इंग्लैंड के ओवैस शाह ने महिला टीम के राष्ट्रीय कोच के लिए आवेदन किया है. अगर उनके आवेदन का चयन होता है तो भारतीय टीम के उनके पूर्व सहयोगी कपिल देव की अध्यक्षता वाला पैनल उनका इंटरव्यू कर सकता है. चयन समिति पैनल के अध्यक्ष पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव है, जबकि अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी इसके अन्य सदस्य है.
पूर्व क्रिकेटर मनोज प्रभाकर और कपिल देव भारतीय टीम में एक साथ खेल चुके हैं. साथ खेलने से लेकर 2000 में उठे मैच फिक्सिंग विवाद तक कपिल और प्रभाकर की कड़वाहट किसी से छिपी नहीं है. प्रभाकर ने कपिल पर मैच फिक्सिंग के आरोप लगाए थे. कपिल इसका जवाब देते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोने लगे थे. ऐसे में कपिल द्वारा मनोज प्रभाकर का इंटरव्यू लेने पर सबकी नजरें रहेंगी.
महिला टीम के कोच रमेश पोवार का कार्यकाल 30 नवंबर को खत्म हो चुका है. इसके बाद बीसीसीआई ने महिला क्रिकेट टीम के कोच के लिए विज्ञापन दिया था. इसके लिए प्रभाकर के अलावा हर्शल गिब्स ने भी आवेदन किया है. प्रभाकर ने अपनी उम्मीदवारी के बारे में कहा, ‘ हां, मैंने मुख्य कोच के पद के लिए आवेदन किया है. राष्ट्रीय क्रिकेट टीम की किसी भी हैसियत से जुड़ना गर्व की बात है.’ प्रभाकर को जब बताया गया कि चयन समिति पैनल के अध्यक्ष कपिल देव हो सकते है तो उन्होंने बेरुखी से इसका जवाब दिया. उन्होंने कह, ‘आपने मुझसे पूछा कि मैंने आवेदन किया है या नहीं? मैंने कहा कि किया है. मैंने आवेदन क्यों किया? क्योंकि मुझे लगता है क्रिकेट के अपने ज्ञान से मैं योगदान दे सकता हूं.’
मनोज प्रभाकर ने कहा, ‘महिला क्रिकेट में काफी प्रतिभा है और मुझे लगता है कि मिताली राज, हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना जैसी खिलाड़ियों को मदद करने का मेरे पास अनुभव है.’ प्रभाकर से यह भी पूछा गया कि क्या 2000 की विवाद के बाद वे कभी कपिल से मिले है. उन्होंने कहा, ‘इस मसले से इसका कोई सरोकार नहीं है.’
कोच पद के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 14 दिसंबर है, लेकिन प्रभाकर और गिब्स दोनों का नाम मैच फिक्सिंग मामले में जुड़ा रहा है जिससे उनके आवेदन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. बीसीसीआई के अधिकारी ने कहा, ‘अगर समिति उनकी उम्मीदवारी को उपयुक्त पाती है तो साक्षात्कार के लिए उनका चयन होगा.’ उन्होंने कहा, ‘जहां तक विवादों का सवाल है तो विवाद के बाद भी गिब्स आईपीएल में 2008 के बाद डेक्कन चर्जर्स के लिए खेले थे. जबकि प्रभाकर रणजी ट्राफी में दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान टीम के कोच रह चुके हैं. इसलिए यह बड़ा मुद्दा नहीं है.’