सुब्रत रॉय के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए दोनों बेटे, पोते हिमांक ने दी मुखाग्नि

लखनऊ। सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत रॉय का आज गुरुवार को लखनऊ में अंतिम संस्कार किया गया। सहाराश्री के 16 साल के पोते हिमांक रॉय बैकुंठ धाम में उनका अंतिम संस्कार किया  क्योंकि उनके बेटे सुशांतो और सीमांतो के उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके।

दोनों ही विदेश में हैं और अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उपस्थित नहीं हो पाए। हिमांक रॉय भी लंदन से लखनऊ पहुंचकर अपने दादा का अंतिम संस्कार किया। परिवार के करीबी सदस्यों ने यह जानकारी दी है। बता दें कि सहारा समूह के संस्थापक का मंगलवार रात मुंबई में निधन हो गया था।

हिमांक रॉय सुब्रत के छोटे बेटे सीमांतो के बड़े बेटे हैं और लंदन में पढ़ाई करते हैं। वह मंगलवार को मुंबई पहुंचे और अपने दादा को देखने के लिए सीधे कोकिलाबेन अस्पताल गए थे। एक पारिवारिक सूत्र ने बताया कि सुब्रत रॉय की शवयात्रा गुरुवार दोपहर में शुरू हुई और दोपहर 2 बजे के आसपास बैकुंठ धाम पहुंची। यहां सनातन रीति-रिवाजों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया।

सुब्रत रॉय की पत्‍नी स्वप्ना रॉय 10वीं में पढ़ने वाले पोते हिमांक, भतीजी प्रियंका सरकार और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बुधवार को लखनऊ पहुंची जबकि सहाराश्री का पार्थिव शरीर एक चार्टर्ड विमान से यहां लाया गया।

रॉय का परिवार एयरपोर्ट से कारों में सीधे सहारा शहर चला गया, जबकि सुब्रत रॉय का शव एक अन्य वाहन से सहारा सिटी ले जाया गया। वहां भारी संख्या में कंपनी के कार्यकर्ता मौजूद थे और शव वाहन के पीछे-पीछे चल रहे थे, जिससे एक काफिला बन गया था।

सुब्रत रॉय के आधिकारिक आवास के बाहर सैकड़ों कार्यकर्ता चुपचाप उनका इंतजार करते रहे। बाद में शाम को रॉय के कई करीबी दोस्त और राजनेता उनके परिवार से मिले और सहाराश्री के निधन पर शोक व्यक्त किया।

श्रद्धांजलि देने के लिए सहारा शहर जाने वालों में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और पार्टी के वरिष्ठ नेता अरविंद सिंह गोप और अभिषेक मिश्र शामिल थे।

यूपी विधानसभा में कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा मोना और अनुग्रह नारायण सिंह, अम्मार रिज़वी जैसे अन्य कांग्रेस नेता भी नजर आए। पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल और यूपी के मंत्री नितिन अग्रवाल के अलावा स्मिता ठाकरे और बॉलीवुड गायक सोनू निगम भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने भी वहां जाकर शोक व्यक्त किया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *