पश्चिम बंगाल पुलिस ने संदेशखाली में बलात्कार और जमीन कब्जे के आरोपों पर तथ्य इकट्ठा करने पहुँची राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की 6 सदस्यों की टीम को हिरासत में ले लिया है। उन्हें कोलकाता के लाल बाजार पुलिस हेडक्वार्टर ले जाया जा रहा है।
इस 6 सदस्यीय टीम में पटना हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हन रेड्डी, ओपी व्यास, चारू वाली खन्ना और भावना बजाज शामिल हैं। इनके साथ ही कई एक्टिविस्ट और वकीलों को भी बंगाल पुलिस ने हिरासत में लिया है। इन सभी को एक बस में भर कर ले जाया जा रहा है।
JUST IN | #WestBengal | #SandeshkaliHorror
All 6 Members of a Fact-Finding Committee led by Former CJ L Narasimha Reddy, O P Vyas, former Registrar NHRC, Charu Wali Khanna, Human Rights Activist, Bhavna Bajaj, Advocate and other advocates/activists have been detained by… pic.twitter.com/uYUq9LylCe
— Lawstreet Journal (@LawstreetJ) February 25, 2024
यह टीम संदेशखाली में TMC नेता शेख शाहजहाँ और उसके गुंडों के खिलाफ सामने आए बलात्कार और जमीन कब्जे जैसे आरोपों के विषय में तथ्य इकट्ठा करने गई थी। हिरासत में ली गई टीम ने बंगाल पुलिस पर कार्रवाई में देरी करने के लिए यह सब करने के आरोप लगाए हैं।
यह टीम लगातार पिछले दो दिनों से संदेशखाली की पीड़िताओं से बातचीत कर रही थी। यह फील्ड पर जाकर सारे तथ्य जुटा रही थी, इसके बाद यह अपनी रिपोर्ट तैयार करती जो कि उच्च संस्थाओं को सौंपी जाती। आज इस टीम को बंगाल पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। आज इस टीम को संदेशखाली थाना के मझेरपाड़ा, नातुनपाड़ा और नासकरपाड़ा जाना था।
#WATCH | West Bengal: Members of the Fact-Finding Committee on their way to Sandeshkhali have been arrested at Bhojerhat, South 24 Parganas. pic.twitter.com/Z7N7zOzQWY
— ANI (@ANI) February 25, 2024
बताया गया कि इस टीम को उस समय गिरफ्तार किया गया जब यह संदेशखाली जा रही थी। इन्हें दक्षिणी 24 परगना के भोजेरहाट से से हिरासत में लिया गया है। इसकी वीडियो भी सामने आई हैं। जहाँ इस टीम को हिरासत में लिया गया, वह जगह संदेशखाली से 52 किलोमीटर दूर है। पुलिस ने कहा है कि संदेशखाली में धारा 144 लागू है, इसलिए NHRC टीम यहाँ नहीं जा सकती। हिरासत में लिए गए सदस्यों ने इसे गैरकानूनी बताया है।
टीम की अगुवाई कर रहे जस्टिस रेड्डी ने कहा, “यह गिरफ्तारी पूरी तरह से अवैध है। हमने पुलिस कर्मियों से कहा है कि कानून मानने वाले नागरिक के रूप में हम नियम नहीं तोड़ेंगे। संदेशखाली में कोई कर्फ्यू नहीं लगाया गया है, ऐसे में हम दो समूहों में जा सकते हैं। कम से कम हमारी टीम की महिला सदस्यों को वहाँ जाने दिया जाना चाहिए ताकि वह संदेशखाली की उन महिलाओं से बात कर सकें जो कि राजनीतिक संरक्षण प्राप्त बाहुबली का दंश झेलने को मजबूर थीं।”