मणिशंकर अय्यर ने चीन के 1962 के हमले को बताया ‘कथित’, BJP का विरोध देख माँगनी पड़ी माफी: कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश बोले- उम्र देखकर उन्हें छूट दे दो

मणिशंकर अय्यरकॉन्ग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने 1962 में चीन के भारत पर हमले को ‘कथित’ बता दिया है। उन्होंने चीन के भारत पर हमले को एक स्पष्ट युद्ध मानने की बजाय इस पर शंकाएँ उत्पन्न करने की कोशिश की है। भाजपा ने इस घटना को कॉन्ग्रेस का चीन के लिए प्यार बताया है।

मंगलवार (28 मई, 2024) को मणिशंकर अय्यर ने एक कायर्क्रम में एक किताब के विमोचन के दौरान कहा, “अक्टूबर 1962 में चीन ने कथित तौर पर भारत पर आक्रमण किया।” उन्होंने इस दौरान 1962 के भारत-चीन युद्ध की कुछ घटनाएँ भी बताईं।

अमित मालवीय ने लिखा, “नेहरू’स फर्स्ट रिक्रुट्स पुस्तक के विमोचन के दौरान FCC में बोलते हुए मणिशंकर अय्यर ने 1962 में चीनी आक्रमण को ‘कथित’ बताया है। यह सच्चाई को बदलने का एक निर्लज्ज प्रयास है। नेहरू ने चीन को संयुक्त राष्ट्र की स्थायी सीट दे दी। राहुल गाँधी ने चीन के साथ गुप्त समझौता किया।”

आगे उन्होंने लिखा, “राजीव गाँधी फाउंडेशन ने चीनी दूतावास से पैसा लिया और चीनी कंपनियों के लिए बाजार में घुसने की सिफारिश करने वाली रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसके आधार पर सोनिया गाँधी की UPA सरकार ने चीनी सामानों के लिए भारत का बाजार खोल दिया। इससे MSME को नुकसान पहुँचा और अब कॉन्ग्रेस नेता अय्यर चीनी आक्रमण पर पर्दा डालना चाहते हैं। इस युद्ध के बाद चीन ने 38,000 स्क्वायर KM भारत की जमीन पर कब्जा कर लिया है। कॉन्ग्रेस का चीनियों के प्रति यह प्रेम क्या दर्शाता है?”

कॉन्ग्रेस के इस बयान से दूरी बनाने के बाद भी सोशल मीडिया पर मणिशंकर अय्यर की काफी आलोचना हो रही है। लोगों का कहना है कि चीन के भारत पर हमले को कथित बताकर अय्यर ने इतिहास में गड़बड़ी करने की कोशिश की है। मणिशंकर अय्यर ने हाल ही में कहा था कि भारत को पाकिस्तान की इज्जत करनी चाहिए क्योंकि उनके पास परमाणु बम है।”

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