लखनऊ। सीबीआई अदालत ने वर्षों पुराने अरबों रुपये के जानकीपुरम भूखंड आवंटन में अनियमितताओं और घोटाले से संबंधित मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के तत्कालीन संयुक्त सचिव सहित चार आरोपियों को दोषी मानते हुए कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषियों पर कुल 1.25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश सीबीआई पश्चिम कोर्ट लखनऊ ने वर्ष 1987-1999 के दौरान लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की जानकीपुरम योजना के तहत भूखंडों के आवंटन में अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में चार आरोपितों को 3-4 वर्ष की कठोर कारावास (आरआई) के साथ कुल 1.25 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. कठोर कारावास एवं जुर्माने की सजा पाने वाले दोषियों में आरएन सिंह, तत्कालीन संयुक्त सचिव, एलडीए पर तीन वर्ष की कठोर कारावास के साथ 35 हजार रुपये का जुर्माना ठोंका गया है.
इनमें राज नारायण द्विवेदी, लिपिक एलडीए को चार वर्ष के कठोर कारावास के साथ 60 हजार का जुर्माना, महेंद्र सिंह सेंगर, LDA के बाहर के व्यक्ति को तीन वर्ष की कठोर कारावास के साथ 15 हजार रुपये का जुर्माना एवं दिवाकर सिंह, निजी व्यक्ति को तीन वर्ष की कठोर कारावास के साथ 15 हजार रुपये का जुर्माना शामिल है. बता दें, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सिविल समादेश याचिका संख्या 7883/2006 थी. जिसको लेकर उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ पीठ के 21 फरवरी 2006 को आदेश दिया था. जिसका पालन करते हुए आरएन सिंह, संयुक्त सचिव, लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) एवं अन्य सहित सात आरोपितों के विरुद्ध मामला दर्ज किया था.