15 दिनों में राज्यपाल बनाओ नहीं तो… BJP को पूर्व सांसद ने दे दिया अल्टीमेटम

शिवसेना नेता अडसुल ने कहा, ‘उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुझे भरोसा दिया था कि राज्यपाल के तौर पर मेरी नियुक्ति होगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुझे आश्वासन दिया था, लेकिन कोई वादा पूरा नहीं हुआ। मैं हमेशा इंतजार नहीं कर सकता…।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से कुछ महीनों पहले ही शिवसेना के पूर्व सांसद ने भारतीय जनता पार्टी को अल्टीमेटम दे दिया है। खबरें हैं कि आनंदराव अडसुल ने साफ कर दिया है कि अगर उन्हें राज्यपाल नहीं बनाया गया, तो वह पूर्व सांसद नवनीत राणा के मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। अडसुल ने पहले भी दावा किया था कि उन्हें राज्यपाल बनाने का ऑफर दिया गया था।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अडसुल ने मंगलवार को भाजपा को चेतावनी दी है कि अगर 15 दिनों में राज्यपाल नहीं बनाया गया, तो वह राणा के जाति प्रमाण पत्र मामले में सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करेंगे। खास बात है कि अप्रैल में ही शीर्ष न्यायालय ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें उनके अनुसूचित जाति यानी SC सर्टिफिकेट को रद्द करने की बात कही गई थी।

रिपोर्ट के अनुसार, अडसुल ने कहा, ‘उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुझे भरोसा दिया था कि राज्यपाल के तौर पर मेरी नियुक्ति होगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुझे आश्वासन दिया था, लेकिन कोई वादा पूरा नहीं हुआ। मैं हमेशा इंतजार नहीं कर सकता। मैं अगले 15 दिन और इंतजार करूंगा, लेकिन इसके बाद सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा और नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ क्यूरेटिव पिटीशान दाखिल करूंगा।’

अखबार के मुताबिक, अडसुल ने मई में दावा किया था कि अमरावती सीट पर दावा छोड़ने के लिए उन्हें अमित शाह ने राज्यपाल पद का वादा किया है। खास बात है कि अडसुल दो बार अमरावती सीट से जीत चुके हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राणा को इस सीट से मैदान में उतारा था। सीट पर दावा छोड़ने वाले अडसुल का कहना था कि भाजपा ने शिवसेना से दो केंद्रीय मंत्री पद और दो राज्यपाल का वादा किया था, लेकिन कोई पूरा नहीं हुआ।

उन्होंने आरोप लगाए थे कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फडणवीस ने पत्र भी लिखा था, जिसमें राज्यपाल के तौर पर उनकी नियुक्ति की सिफारिश की गई थी। उनका दावा था कि पत्र को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के पास भेजा गया था, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया। इस बार उन्होंने कहा, ‘फडणवीस के वादे को 25 महीने बीत गए हैं और अमित शाह के वादे को ढाई महीनों से ज्यादा का समय हो चुका है…। अब मैं और ज्यादा इंतजार नहीं करूंगा।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *