‘…तो जनता को सड़कों पर उतरना ही होगा’, भारत बंद पर क्या बोले अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने बुधवार को समुदाय आधारित आरक्षण को लेकर बुलाए गए एक दिवसीय भारत बंद का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि ‘जन आंदोलनों’ से ‘बेलगाम सरकार’ पर लगाम लगती है.

अखिलेश यादवसमाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को समुदाय आधारित आरक्षण को लेकर बुलाए गए एक दिवसीय भारत बंद का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि ‘जन आंदोलनों’ से ‘बेलगाम सरकार’ पर लगाम लगती है. एक्स पर किए पोस्ट में अखिलेश ने लिखा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने पहले ही चेतावनी दी थी कि संविधान तभी कारगर होगा जब इसे लागू करने वालों की नीयत सही होगी.

बकौल अखिलेश- “बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने पहले ही चेतावनी दी थी कि संविधान तभी कारगर होगा जब इसे लागू करने वालों की नीयत सही होगी. जब सत्ता में बैठी सरकारें धोखाधड़ी, घोटाले और कांडों के जरिए संविधान और उसके द्वारा दिए गए अधिकारों के साथ छेड़छाड़ करेंगी, तो जनता को सड़कों पर उतरना होगा. जन आंदोलनों से बेलगाम सरकार पर लगाम लगती है.”

आपको बता दें कि एससी-एसटी आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के एक अगस्त के फैसले के खिलाफ देशभर के 21 संगठनों ने बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया है. संगठनों ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि इससे आरक्षण के मूल सिद्धांतों को नुकसान पहुंचेगा.

दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर मौजूद समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर 21 अगस्त को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है. नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशंस (NACDAOR) ने अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए न्याय और समानता समेत मांगों की सूची जारी की है. इस प्रोटेस्ट में सपा, बसपा समेत कई राजनीतिक दल भी शामिल हैं.

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