नई दिल्ली। ”कांग्रेस की नीतियों और सोच से सहमति नहीं होते हुए भी हमारी पार्टी ने भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिये मध्यप्रदेश में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है”. ये बातें बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने का ऐलान करते हुए कही. इस तरह उनका इशारा साफ था कि वह केवल बीजेपी को सत्ता में वापसी से रोकने के लिए कांग्रेस को अपना समर्थन दे रही हैं, लेकिन वह कांग्रेस की नीतियों और सोच से सहमत नहीं है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान तो किया, लेकिन साथ ही वह कांग्रेस पर लगातार निशाना भी साधती रहीं और यह इस बात पर भी जोर देती रहीं कि कांग्रेस पिछड़े वर्गों के उत्थान को लेकर गंभीरता से सोचे.
मायावती ने बातों ही बातों में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. समर्थन की घोषणा से पहले उन्होंने कांग्रेस पर देश की सत्ता में लंबे समय तक रहने के बावजूद पिछड़े वर्गों की उपेक्षा करने की बात जोरदार आवाज में कही. उन्होंने कहा कि जनता ने दिल पर पत्थर रखकर तीनों राज्यों में कांग्रेस को चुना. कांग्रेस के लिए कड़ा संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्गों के लोगों की कांग्रेस पार्टी के राज के दौरान ही ज्यादा उपेक्षा रही है व बीजेपी के राज में भी इनकी उपेक्षा होनी बंद नहीं हुई.
उन्होंने आगे कहा कि मैं यह भी याद दिलाना चाहती हूं कि आजादी के बाद भी केंद्र में ज्यादातर कांग्रेस का एकछत्र राज रहा है, लेकिन इस पार्टी के शासनकाल के दौरान इन वर्गों का भला नहीं हो सका. इस वजह से ही मैं हमें अलग से राजनीतिक पार्टी बसपा बनानी पड़ी. अर्थात कांग्रेस ने बाबा साहेब की सोच के मुताबिक, इन वर्गों का विकास व उत्थान कर दिया होता तो इनके हितों में अलग से पार्टी नहीं बनानी पड़ती.