नई दिल्ली। विपक्षी दल भले ही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में उतरने को तैयार नहीं दिख रहे हों, लेकिन राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में वे एकता का प्रदर्शन करते दिखेंगे. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्रियों के सोमवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में कई विपक्षी नेताओं के शिरकत करने की उम्मीद है. हाल में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस तीन राज्यों में सरकार बना रही है. अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री होंगे जबकि कमलनाथ मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का जिम्मा संभालेंगे तो भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद पर आसीन होंगे.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तीनों शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौडा, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला समेत विपक्ष के कई अहम नेता समारोहों में शिरकत कर सकते हैं. इसके अलावा बीएसपी प्रमुख मायावती और सपा मुखिया अखिलेश यादव भी मंच पर दिख सकते हैं.
चंद्रबाबू से लेकर केजरीवाल बनेंगे गवाह
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, राजद नेता तेजस्वी यादव समारोहों में शिरकत करेंगे. वहीं एआईयूडीएफ नेता बदरुद्दीन अजमल, टीएमसी नेता दिनेश त्रिवेदी और एलजेडी नेता शरद यादव समेत अन्य को समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को भी आमंत्रित किया है. इसके नेता संजय सिंह भी राजस्थान में शपथ ग्रहण कार्यक्रम में हिस्सा ले सकते हैं. माना जा रहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो सकते हैं.
अशोक गहलोत जयपुर में सुबह 10 बजे शपथ लेंगे जबकि कमलनाथ दोपहर एक बजे भोपाल में शपथ में लेंगे. वहीं भूपेश बघेल शाम चार बजे रायपुर में शपथ लेंगे.
मालूम हो कि इससे पहले कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष दलों ने एकजुटता दिखाने की कोशिश की थी. हालांकि उस घटना के बाद कई ऐसे मौके आ चुके हैं जब विपक्षी नेता एक दूसरे पर हमले करते दिखे. इस बार तीन राज्यों में शपथ ग्रहण समारोह से पहले भी राहुल गांधी को नेता मानने पर नाराजगी देखी जा रही है. डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने राहुल गांधी को अगला प्रधानमंत्री बनाने की बात कही तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बीएसपी, एनसीपी सहित कई दलों ने इसपर नाराजगी जाहिर की है. वे आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष की ओर से कोई भी प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं करना चाहते हैं.