नई दिल्ली। आजतक के विशेष कार्यक्रम ‘एजेंडा आजतक’ में हिस्सा लेने पहुंचे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 2019 चुनाव को लेकर खुल कर बात की. गडकरी ने इस दौरान अपने मंत्रालय के कामकाज और पार्टी के बारे में बात भी की. हालांकि, जब उनसे बीजेपी के मौजूदा अध्यक्ष अमित शाह से जुड़े कुछ सवाल पूछे गए तो हर बार उन्होंने सीधे जवाब देने से किनारा किया. गौरतलब है कि नितिन गडकरी भी तीन साल के लिए बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं. पढ़ें क्या हैं अमित शाह से जुड़े वो सवाल जिन्हें टाल गए नितिन गडकरी…
पहला सवाल – जब आप BJP के अध्यक्ष थे तो विकास आगे था, लेकिन अमित शाह की बीजेपी में मंदिर का मुद्दा आगे है?
नितिन गडकरी – BJP में कोई अंतर नहीं है, ये कोई फैमिली पार्टी नहीं है. बीजेपी ना कभी अटल की बनी, ना ही आडवाणी की, बीजेपी ना मोदी की बनेगी और ना ही अमित शाह की बनेगी.
दूसरा सवाल – जब नितिन गडकरी कप्तान थे तो पार्टी की सोच विकास वाली थी, लेकिन आज की बीजेपी में राहुल गांधी का गोत्र जानना भी जरूरी हो गया है?
नितिन गडकरी – नेता जब भाषण देते हैं तो बहुत-सी बातें करते हैं, लेकिन आप लोग कुछ ही बातों को चुनते हैं. उन्होंने कहा कि एक ही बात को बार-बार चलाकर उसे मुद्दा बना दिया जाता है.
तीसरा सवाल – नितिन गडकरी की बीजेपी में इस प्रकार की बातें सामने नहीं आती थीं, लेकिन आज की बीजेपी में आ रही है?
नितिन गडकरी – जब मैं अध्यक्ष था तब भी ऐसा ही होता था. एक बार एक महिला भगवा कपड़े पहनकर टीवी डिबेट में बैठी थीं, मैंने जब कार्यकर्ताओं से पूछा तो पता लगा कि वो हमारी पार्टी का हिस्सा ही नहीं हैं. बस, किसी ने भगवा कपड़े पहनाकर हमारी पार्टी का ठप्पा लगा दिया. अगर हम कोई गलती करते हैं तो जनता सुधार देती है, इसमें शाह या गडकरी की बीजेपी जैसी बातें नहीं हैं बीजेपी वही है.
चौथा सवाल – पूर्व अध्यक्ष होने के नाते विधानसभा चुनाव में मिली हार पर अमित शाह को कितने नंबर देंगे?
नितिन गडकरी – इन राज्यों में हमें हार मिली है वहां पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच वोट प्रतिशत का अंतर काफी कम था. कुछ जगह हमारा प्रतिशत ज्यादा भी है, अगर कुछ कमियां हुई हैं तो उन्हें सुधारेंगे. लोकसभा में हम जरूर जीतेंगे.
पांचवां सवाल – पिछली बार लोकसभा चुनाव में मिशन 272+ था, इस बार क्या है. क्या आप अमित शाह की तरह नंबरों पर यकीन नहीं करते?
नितिन गडकरी – देखिए, पार्टी हमेशा अपना मिशन रखती है. लेकिन हम बहुमत के साथ वापस आएंगे और नरेंद्र मोदी ही देश के प्रधानमंत्री बनेंगे.