नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को इस बात से इंकार किया कि चलन से बाहर हो गए और जनता के पास बचे 500 एवं 1000 रूपये के नोटों को वापस लेने पर विचार कर रही है. वित्त राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी.
विश्वंभर प्रसाद निषाद, सुखराम सिंह यादव और छाया वर्मा ने सवाल किया था कि क्या यह सच है कि नोटबंदी की समयसीमा के बाद भी आम जन के पास चलन से बाहर हो गए नोट पड़े हैं और उसका इस्तेमाल नहीं होने से लोग हतोत्साहित हैं. इसके जवाब में राधाकृष्णन ने कहा,‘इस मुद्दे पर कोई निश्चित टिप्पणी करना कठिन है. हालांकि विनिर्दिष्ट बैंक नोटों की अदला-बदली के लिए हमें कुछ अनुरोध प्राप्त हुए हैं.’
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को टीवी के माध्यम से किए गए राष्ट्र के नाम संबोधन में 500 एवं 1000 रूपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था. नागरिकों को एक समयसीमा दी गयी थी जिसमें वह बैंकों में इन नोटों को जमा करवा कर नये नोट ले सकते थे.
‘एटीएम बंद करने का विचार नहीं’
सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि देश भर में लगभग 50 फीसदी एटीएम बंद करने की कोई योजना नहीं है.कांग्रेस सदस्य मोतीलाल वोरा के एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ल ने राज्यसभा को यह जानकीर दी.
शुक्ल ने बताया, ‘सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, अपने एटीएम को बंद करने की उनकी कोई योजना नहीं है.’ मोतीलाल वोरा ने सरकार से सवाल पूछा था कि क्या मार्च 2019 से देश भर में लगभग 50 फीसदी एटीएम बंद हो जाएंगे
सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि देश भर में लगभग 50 फीसदी एटीएम बंद करने की कोई योजना नहीं है.कांग्रेस सदस्य मोतीलाल वोरा के एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ल ने राज्यसभा को यह जानकीर दी.
शुक्ल ने बताया, ‘सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, अपने एटीएम को बंद करने की उनकी कोई योजना नहीं है.’ मोतीलाल वोरा ने सरकार से सवाल पूछा था कि क्या मार्च 2019 से देश भर में लगभग 50 फीसदी एटीएम बंद हो जाएंगे