प्रयागराज। यूपी में टीचर्स एलिजिबिल्टी टेस्ट यानी टीईटी में सफल नहीं होने वाले लाखों अभ्यर्थियों के लिए एक राहत भरी खबर आई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टीईटी में पूछे गए तीन सवालों को ग़लत मानते हुए इनका कोई भी विकल्प चुनने वाले अभ्यर्थियों को नंबर देकर नये सिरे से रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया है.
इतना ही नहीं अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि साढ़े उनहत्तर हजार टीचर्स भर्ती के ऑनलाइन आवेदन की या तो अंतिम तारीख बीस दिसम्बर से बढ़ा दी जाए या फिर मौखिक आदेश जारी कर बाकी अभ्यर्थियों को भी आवेदन करने का मौका दिया जाए.
अदालत के फैसले के बाद नये सिरे से टीईटी का रिजल्ट जारी होने पर किसी पास अभ्यर्थी का नुकसान नहीं होगा, लेकिन हजारों की तादात में असफल अभ्यर्थी अब पास हो जाएंगे और टीचर्स भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे.
हाईकोर्ट के आज के फैसले के बाद अब यूपी सरकार व परीक्षा नियामक प्राधिकारी को यह फैसला लेना है कि 69500 टीचर्स भर्ती के ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख बढ़ाई जाएगी या फिर मौखिक आदेश देकर अनुमानित पास छात्रों को आवेदन का मौका दिया जाएगा.
इस बारे में परीक्षा नियामक प्राधिकारी के अफसरों का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश को समझकर ही कोई फैसला लिया जाएगा. मामले की सुनवाई जस्टिस के. अजीत की बेंच में चल रही थी. याचिकाकर्ताओं के वकील सीमान्त सिंह के मुताबिक़ गलत सवाल पूछे जाने पर अदालत ने सख्त नाराज़गी जताई है और दोबारा इस तरह की गलती नहीं किये जाने की हिदायत भी दी है.
गौरतलब है कि यूपी टीईटी के इम्तहान अठारह नवम्बर को हुए थे. टीईटी के लिए सत्रह लाख से ज़्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. इम्तहान के बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने जो आंसर शीट जारी की, उसके आठ सवालों पर विवाद खड़ा हो गया. दर्जनों अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी.
अदालत ने आज अपने फैसले में एक सवाल को पूरी तरह गलत माना, जबकि दो सवालों के दो दो विकल्पों को सही बताया. अदालत ने इन्ही तीनों सवालों में कोई भी विकल्प चुनने वाले अभ्यर्थियों को नंबर देते हुए नए सिरे से रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया है.
टीईटी की प्रक्रिया के दौरान ही यूपी सरकार ने 69500 टीचर्स भर्ती का विज्ञापन जारी किया था, जिसमे वही लोग आवेदन कर सकते थे जो टीईटी पास हों. इसके लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख बीस दिसम्बर थी, जिसे अब बढ़ना तय माना जा रहा है.