पटना। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की पार्टी लोजपा (LJP) और बीजेपी (BJP) के बीच सबकुछ सही नहीं चल रहा है. यही वजह है कि चिराग पासवान ने बीजेपी को कहा है कि वह गठबंधन के साथियों की चिंता का ध्यान रखे, नहीं तो नुकसान हो सकता है. हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं था कि आखिर रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा और बीजेपी में पेंच कहां फंसा है. मगर अब जो बात सामने आई है, उसकी मानें तो लोजपा और बीजेपी के बीच एक राज्यसभा की सीट को लेकर मामला फंसा है. दरअसल, लोजपा चाहती है कि सितंबर में बीजेपी ने उसे जो असम से राज्यसभा की एक सीट का वादा किया था, उस पर वह कायम रहे.
ऐसा माना जा रहा है कि एनडीए में बीजेपी और लोजपा के बीच तकरार की मुख्य वजह यही है कि बीजेपी लोजपा को एक राज्यसभा की सीट नहीं दे रही है, जिसका वादा उसने कुछ समय पहले सितंबर में किया था. दरअसल, सितंबर में जब नीतीश कुमार और अमित शाह ने बराबर-बराबर सीटों पर बिहार में चुनाव लड़ने का फैसला किया था, तो उस वक्त रामविलास पासवान की पार्टी को चार लोकसभा सीटें और एक असम से राज्यसभा की सीट का प्रस्ताव दिया गया था. हालांकि, उस वक्त उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा भी एनडीए में थी.
बीजेपी की ओर से लोजपा को राज्यसभा की एक सीट दिए जाने के पीछे ऐसी खबरें थीं कि रामविलास पासवान लोकसभा चुनाव 2019 नहीं लड़ेंगे और वह राज्यसभा की सीट से ही संसद जाएंगे.
मगर उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए से अलग होने के बाद बीजेपी अपने वादे से मुकरती दिख रही है. यही वजह है कि रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा को बीजेपी ने अब 6 लोकसभा की सीटों का प्रस्ताव दिया है. मगर राज्यसभा की नहीं. ऐसा माना जा रहा है कि राज्यसभा की सीट न मिलने की वजह से ही रामविलास पासवान एनडीए में नाराज चल रहे हैं. अब पासवान को ऐसा लग रहा है कि अगर राज्यसभा की सीट नहीं मिलती है तो जिस तरह से तीन राज्यों में बीजेपी की हार हुई है, वैसे में 2019 के लिए कुछ कहना मुश्किल होगा.
यही वजह है कि रामविलास पासवान की पार्टी बीते कुछ दिनों से कह रही है कि एनडीए में बीजेपी अपने सहयोगियों को इग्नोर कर रही है और अपमानित कर रही है. हालांकि, बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार ने रामविलास पासवान की मांग का समर्थ किया है और वह शुक्रवार को दिल्ली में बीजेपी को गठबंधन धर्म निभाने की बात कहेंगे और यह कहेंगे रामविलास कि दिए गये वादे को निभाया जाए. नीतीश कुमार बीजेपी को यह एहसास कराएंगे कि रामविलास पासवान को खोने का मतलब होगा बिहार में एकतरफा लड़ाई और ऐसे में महागठबंधन मजबूत ही होगा.