आज टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज कृष्णामचारी श्रीकांत अपना 59वां जन्मदिन मना रहे हैं. ये श्रीकांत ही थे जिन्होंने टीम इंडिया में सबसे पहले वनडे मैचों के शुरुआती 15 ओवरों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी का आगाज किया था. साल 2011 में जब टीम इंडिया ने आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप जीता था तब क्रिस श्रीकांत उसी टीम के चयनकर्ता प्रमुख थे. श्रीकांत आज भी कई बल्लेबाजों के आदर्श हैं जो आज के दौर में तेजी से रन बनाकर खुद को स्थापित करना चाहते हैं.
21 दिसंबर 1959 को चेन्नई (तब मद्रास) में जन्मे श्रीकांत ने अपना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत 21 की उम्र में की. टेस्ट मैच में भले श्रीकांत ज्यादा कामयाब नहीं हुए हों, लेकिन वनडे क्रिकेट में वह टीम इंडिया की ओर से सरताज ही बने रहे. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले श्रीकांत लंबे समय तक वनडे में टीम इंडिया के बेस्ट खिलाड़ी बने रहे. टेस्ट क्रिकेट में श्रीकांत ने 43 मैचों में 2062 रन बनाए. 146 वनडे मैचों में श्रीकांत ने 4091 रन बनाए. इसमें 4 शतक और 27 अर्धशतक शामिल हैं.
83 वर्ल्ड कप फाइनल का यह रिकॉर्ड है श्रीकांत के नाम
1983 में टीम इंडिया जब विश्व विजेता बनी, उसके फाइनल में सबसे ज्यादा रन श्रीकांत ने ही बनाए थे. 1989 में उनकी कप्तानी में टीम इंडिया पाकिस्तान के दौरे पर गई. इस सीरीज में ही सचिन तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत की. सीरीज के सभी मैच ड्रॉ रहे, लेकिन श्रीकांत बल्लेबाजी में फ्लॉप रहे. इसके बाद ही उन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया. 2008 में वह इंडिया के सिलेक्शन पैनल के चेयरमैन बने.
श्रीकांत के बारे में एक बार बिशन सिंह बेदी ने कहा था- “जब श्रीकांत बैटिंग करते हैं तो बादल गरजने लगते हैं, आसमान में बिजली चमकने लगती है.” उनके बारे में कहा जाता है कि वे तकनीकी रूप से श्रेष्ठ बल्लेबाज नहीं थे कई बार तो वे साधारण सी गेंद पर ही आउट हो जाते थे. इसके बावजूद भारत आक्रामक बल्लेबाजी की शुरुआत करने, खासकर वनडे में फील्ड रिस्ट्रिक्शंस का फायदा उठाने, का श्रेय उन्हीं को जाता है.
श्रीकांत की कप्तानी में ही सचिन तेंदुलकर ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी. वे 1983 वर्ल्ड कप के फाइनल में दोनों टीमों (भारत और वेस्टइंडीज) की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे. वर्तमान में उनके बेटे अनिरुद्ध और आदित्य क्रिकेटर हैं.