नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की 31वीं बैठक में रोजमर्रा की कई चीजों पर टैक्स कम किया गया है. फ्रिज, टीवी से लेकर मूवी टिकट और विमान यात्रा पर जीएसटी घटाया गया. लेकिन इस सबके बीच मकान बना रहे या मकान बनाने की तैयारी कर रहे लोगों को झटका लगा है. दरअसल पिछले कुछ दिनों से मीडियो रिपोर्टस में उम्मीद की जा रही थी कि शनिवार को होने वाली बैठक में सीमेंट पर 28 प्रतिशत से घटाकर जीएसटी 18 फीसदी हो सकता है. ऐसा होता तो सीमेंट की कीमतों में आम आदमी को बड़ी राहत मिलती. लेकिन जीएसटी काउंसिल की बैठक से सीमेंट की कीमत कम होने का इंतजार कर रहे लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया. इसके अलावा ऑटो पार्टस पर भी जीएसटी दर के कम होने की उम्मीद की जा रही थी.
सीमेंट पर जीएसटी की दर फिलहाल 28 फीसदी
सरकार ने सीमेंट पर जीएसटी की दर यह कहकर कम नहीं कि इसके राजस्व में भारी बढ़ोतरी हुई है. केरल के वित्त मंत्री, थॉमस इसाक ने कहा कि सीमेंट दर में कमी नहीं की गई है. सीमेंट पर जीएसटी की दर फिलहाल 28 फीसदी ही है. सीमेंट पर जीएसटी घटाने के सवाल पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस पर बाद में चर्चा की जाएगी, फिलहाल आज के बैठक में इस पर कोई चर्चा नहीं की गई है. फिलहाल 28 फीसदी जीएसटी के साथ एक बोरी सीमेंट की कीमत करीब 300 से 330 रुपये तक है.
विशेषज्ञों ने कहा ये
क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने सीमेंट पर जीएसटी दर नहीं घटाने पर कहा कि सीमेंट पर जीएसटी दर में कोई कमी नहीं की गई है तो आने वाले समय में इसका कोई नकारात्मक असर नहीं होगा. सरकार के इस फैसले को राजस्व से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि बेशक सरकार को सीमेंट से मिलने वाले राजस्व में तेजी आई है, लेकिन यह अब भी जितनी होनी चाहिए, उतनी नहीं है. मुझे उम्मीद है कि सरकार इस पर बाद में सही समय आने पर फैसला लेगी.
Finance Minister Arun Jaitley on the decisions taken in GST Council meet: There is no GST cut on cement and auto parts pic.twitter.com/oYWHm6odWI
— ANI (@ANI) December 22, 2018
सीमेंट का आयात
विदेश व्यापार महानिदेशालय की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान भारत ने 16.82 लाख टन पोर्टलैंड सीमेंट का आयात किया. भारत में सीमेंट की मांग 66 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक आवासीय क्षेत्रों से है. इसके बाद इन्फ्रा से 18 प्रतिशत और कॉमर्शियल क्षेत्र से 16 प्रतिशत मांग है. देशभर में लोगों में इसकी आस लगी थी कि सीमेंट पर जीएसटी दर कम होगी तो आवास और निर्माण उद्योग को गति मिलेगी. साथ ही रोजगार बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. लेकिन अब इन सब के लिए इंतजार करना होगा.