नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि भारत अपनी सीमाओं पर जटिल एवं विविध सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है जो देश की क्षेत्रीय अखंडता और आंतरिक स्थिरता के लिए खतरा हैं.जनरल रावत ने सैन्यकर्मियों को नए साल के संदेश में सीमाओं पर चुनौतियों से निपटने और आतंकवाद के खतरे से लड़ने में सैनिकों के सामूहिक साहस, प्रतिबद्धता और बलिदान की प्रशंसा की.
उन्होंने कहा,‘हम अपनी सीमाओं पर जटिल और विविध सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहे हैं जिससे हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता और आंतरिक स्थिरता को खतरा है.’ रावत ने हालांकि चीन से लगती भारत की करीब चार हजार किलोमीटर लंबी सीमा और जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर स्थिति के बारे में उल्लेख नहीं किया.
और क्या बोले सेना प्रमुख?
जनरल ने कहा,‘क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने का हमारा अटल संकल्प हमारे सैनिकों के सामूहिक साहस, प्रतिबद्धता और बलिदान से साबित हुआ है जिन्होंने अत्यंत चुनौतीपूर्ण, प्रतिकूल और अत्यंत विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी जिम्मेदरी निभाई है.’
भारतीय सेना घुसपैठ के प्रयासों और जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना की ओर से होने वाली अकारण गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब देती रही है.
पिछले साल डोकलाम घटनाक्रम के बाद भारतीय सेना ने चीन से लगती सीमा पर कई महत्वपूर्ण सेक्टरों में अपनी निगरानी बढ़ाई है.
सेना प्रमुख ने की सैन्यकर्मियों की तारीफ
सेना प्रमुख ने कहा, ‘अपनी सीमाओं की रक्षा करते समय और आतंकवाद तथा विद्रोह से लड़ते सभी रैंकों ने उच्चतम स्तर की भावना और प्रतिबद्धता दिखाई है.’ उन्होंने सैन्यकर्मियों से देश के समक्ष खड़ी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए अत्यधिक जोश के साथ काम करने की भी अपील की.
जनरल रावत ने भारतीय सेना को विश्व की सर्वाधिक अनुशासित और पेशेवर सेनाओं में से एक करार दिया और कहा कि सेना को इस गौरव को गरिमा और सम्मान के साथ संरक्षित रखना चाहिए.