प्रयागराज/लखनऊ। राम मंदिर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान को लेकर राजनीति तेज हो गयी है, प्रयागराज में कुंभ क्षेत्र में स्वामी नरेंद्राचार्य जी महाराज ने एक पोस्टर लगाया है जिसमें लिखा है कि ‘अगर अब भी राम मंदिर न बना पाओगे तो आने वाली पीढ़ी को क्या मुह दिखाओगे’.
प्रयागराज का कुंभ अध्यात्म के साथ-साथ अब 2019 से ठीक पहले राजनीतिक अखाड़ा भी बन गया है और यहां देश विदेश से आने वाले संतों की भीड़ राम मंदिर पर पीएम मोदी के बयान से नाराज है और अब संत समाज इस तरह के पोस्टर लगाकर अपना खुला विरोध दर्ज करवा रही है.
बता दें कि नए साल के पहले टीवी इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर समेत कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. इस बीच पिछले कुछ वक्त से राम मंदिर पर सरकार की तरफ से अध्यादेश की खबरों पर भी विराम लग गया है. पीएम मोदी ने कहा, ”राम मंदिर पर हमारी सरकार अध्यादेश नहीं लाएगी. कानूनी प्रक्रिया के बाद ही राम मंदिर पर फैसला किया जाएगा. राम मंदिर को लेकर जब तक कानूनी प्रक्रिया चल रही है तब तक अध्यादेश लाने का विचार नहीं है.”
उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया इसलिए धीमी है, क्योंकि वहां कांग्रेस के वकील हैं. जो सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में रुकावट पैदा कर रहे हैं. हमने बीजेपी के घोषणापत्र में कह रखा है कि राम मंदिर का फैसला संविधान के दायरे में ही होगा. राम मंदिर बीजेपी के लिए भावनात्मक मुद्दा है. कांग्रेस को इस मुद्दे पर रोड़े नहीं अटकाने चाहिए और कानूनी प्रक्रिया को अपनी तरह से आगे बढ़ने देना चाहिए. हाल ही में राष्ट्रीय स्वयं सेवक जैसी संस्थाओं की तरफ से जल्द राम मंदिर बनवाने की मांग उठी हैं.”
संत समाज ‘नाराज’, कहा- SC ही रास्ता तो राम पर वोट क्यों?
राम मंदिर पर पीएम मोदी के बयान के बाद माहौल गर्म हो गया है. संत समाज की तरफ से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गिरी ने बीजेपी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. नरेंद्र गिरी ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, ”राम मंदिर को लेकर कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट के जरिए ही फैसला होना है तो फिर बीजेपी इतने दिनों से राम के नाम पर वोट क्यों मांग रही है. कांग्रेस ने मंदिर का ताला खुलवाया और पूजा करवाई, लेकिन बीजेपी ने सिर्फ राम मंदिर के नाम पर वोट मांगा.”