100 इंटरनेशनल शतक लगाने वाले सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने अपनी सबसे बड़ी पारी सिडनी में खेली थी. तो क्या उन्होंने इस पारी को खेलने के लिए किसी अंधविश्वास का सहारा लिया था? इसका जवाब हां है. यह सच है कि सचिन जब 2003-04 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर बुरे फॉर्म से गुजर रहे थे, तब कुछ ऐसा हुआ था, जिसने उन्हें अंधविश्वासी बना दिया था. सचिन की इस पारी और अंधविश्वास का जिक्र इसलिए भी दिलचस्प हो गया है क्योंकि कुछ घंटे बाद ही भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथा टेस्ट (Sydney Test) खेलने उतरेगी. भारतीय टीम मौजूदा सीरीज (India vs Australia) में 2-1 से आगे है.
भारतीय टीम 2003 में जब ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहुंची तो सचिन तेंदुलकर लय में नहीं थे. वे सीरीज के पहले तीन टेस्ट की पांच पारियों (0, 1, 37, 0, 44) में महज 77 रन बना सके थे. हालांकि, भारत इसके बावजूद अच्छा प्रदर्शन कर रहा था और तीन मैच के बाद दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं. यानी, सारा दारोमदार सिडनी में होने वाले सीरीज के चौथे टेस्ट पर था. इस मैच से पहले सचिन ने अपने खेल को लेकर कोच जॉन राइट और बड़े भाई अजित तेंदुलकर से बात की. लेकिन इसके अलावा भी ऐसा कुछ हुआ, जो बेहद दिलचस्प है.
चार दिन तक एक रेस्तरां, एक टेबल और एक ही मेन्यू
सचिन तेंदुलकर का अंधविश्वास का मामला उनके एक ही होटल में जाकर एक ही टेबल में खाने से जुड़ा है. उन्होंने अपनी किताब ‘प्ले इट माय वे’ में इसका जिक्र किया है. इसके मुताबिक सचिन ने सिडनी टेस्ट में दोनों पारियां मिलाकर चार दिन बैटिंग की, लेकिन वे एक भी बार आउट नहीं हुए. यही नहीं, वे इस दौरान लगातार चार दिन एक ही मलेशियाई रेस्तरां में डिनर करने गए. एक ही टेबल पर बैठे और एक ही मेन्यू ऑर्डर किया. हालांकि, इस खाने का उनके खेल से कोई ताल्लुक नहीं है, लेकिन यह भी सच है कि जो सचिन पूरी सीरीज में एक भी अर्धशतक नहीं बना सके थे. उसी सचिन ने सिडनी टेस्ट में 241 और 60 रन की नाबाद पारियां खेलीं.
हां, मैं अंधविश्वासी हो गया था: सचिन
सचिन तेंदुलकर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में सिडनी टेस्ट का जिक्र करते हुए लिखा है, ‘जब मैं इसके बारे में सोचता हूं, तो यह याद किए बिना नहीं रह सकता कि मैं किसी कारण असामान्य रूप से अंधविश्वासी हो गया था. अंजलि, उसके माता-पिता, सारा और अर्जुन मैच की पूर्व संध्या पर मेरे साथ थे. हम डिनर के लिए एक मलेशियाई रेस्तरां में गए. खाना बेहतरीन था. मेरा परिवार अगली सुबह भारत लौट गया, लेकिन मेरा पहला दिन बहुत अच्छा रहा. मैं पहले दिन 73 रन पर नाबाद लौटा. शाम को मैंने पिछली रात की दिनचर्या को दोहराने का निर्णय लिया. इस बार मैं अजीत आगरकर व अन्य दो खिलाड़ियों के साथ उसी मलेशियाई रेस्तरां में गया. हम ना सिर्फ उसी टेबल पर बैठे, बल्कि मैंने ठीक वही खाना मंगाया. अगला दिन और भी बेहतर गया और मैं 220 पर नॉटआउट था. उस रात में तीसरी बार में उसी रेस्तरां में गया. उसी टेबल पर बैठा और वही भोजन किया. मैच के तीसरे दिन के खेल के बाद भी हम आखिरी बार उसी होटल में गए.’
भारत ने सिडनी में बनाए थे 705 रन
भारत ने सचिन तेंदुलकर के दोहरे शतक की बदौलत पहली पारी 7 विकेट पर 705 रन बनाकर घोषित की. इस पारी में वीवीएस लक्ष्मण के भी 178 बेहतरीन रन थे. ऑस्ट्रेलिया की टीम पहली पारी में 474 रन ही बना सकी. इसके बाद भारत ने दूसरी पारी दो विकेट पर 211 रन बनाकर घोषित की. राहुल द्रविड़ 91 और सचिन 60 रन बनाकर नाबाद लौटे. इस तरह ऑस्ट्रेलिया को 443 रन का लक्ष्य मिला. भारत ने इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के चार विकेट 196 रन पर झटक लिए थे, लेकिन अपनी आखिरी सीरीज खेल रहे स्टीव वॉ (80) और साइमन कैटिच (77) ने पांचवें विकेट के लिए 142 रन की साझेदारी कर मैच ड्रॉ करा लिया. जब मैच खत्म हुआ तब ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 6 विकेट पर 357 रन था.