नई दिल्ली। एक्ज़िट पोल (EXIT POLL) के बाद दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज़ हुई है. एनडीए ने डिनर डिप्लोमेसी का आयोजन किया तो विपक्षी दलों ने एक साथ रहने का दावा करने के लिए बैठक बुलाई है. इन सबके बीच महाराष्ट्र दो बड़े नेताओं ने दिल्ली से दूरी बना रखी है. पीएम मोदी और अमित शाह की ओर से अयोजित डिनर में उद्धव ठाकरे और विपक्ष की बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार मौजूद नही रहेंगे. इससे अलग-अलग चर्चाओं को जन्म दिया है.
विपक्ष की बैठक से ज्यादातर बड़े नेता नदारद
दरअसल, एक्ज़िट पोल में एनडीए को बहुमत का आंकड़ा दिखने के बाद विपक्षी खेमे में उत्साह ठंडा पड़ा हुआ है. मंगलवार को दोपहर में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में विपक्ष ने बैठक बुलाई है. इस बैठक में शरद पवार, मायावती, ममता बनर्जी, एचडी कुमारस्वामी मौजूद नहीं रहेंगे. पहले तो शरद पवार ने ग्रीन सिग्नल दिया था पर अचानक बैठक में नही आने का फ़ैसला किया. चंद्रबाबू नायडू, सासाराम येचुरी और गुलाम नबी आजाद बैठक में शामिल होने वाले हैं.
अमित शाह की पुरणपोली चखने नहीं आएंगे उद्धव
दूसरी तरफ़ मोदी-शाह ने एनडीए के दलों के नेताओं को डिनर पर बुलाया है. डिनर में उद्धव ठाकरे को ध्यान में रखते हुए खास तौर से महाराष्ट्र की डिश पुरणपोली बनवाई जा रही है, लेकिन शिवसेना प्रमुख ने आने से मना कर दिया है. शिवसेना की तरफ़ से शिवसेना के महाराष्ट्र के मंत्री सुभाष देसाई शाह की डिनर पार्टी में शामिल होंगे.
सवाल ये है, जब शिवसेना के लोकसभा सदन के नेता आनंदराज आडसूल, चंद्रकांत खेरे, मंत्री अनंत गीते, संजय राऊत, अनिल देसाई जैसे बड़े नेताओं के होते हुए सुभाष देसाई को डिनर के लिए क्यों भेजा गया? बीजेपी की सीटें कम होगी तो ऐसे में एनडीए की ज़रूरत होगी। इसलिए शिवसेना केंद्र में कैबिनेट मंत्री के लिए अभी से दबाव बना बनाने में जुटी हैं. इसका कितना असर होगा ये देखना होगा.