लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस बैठक में मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में अधिकारियों को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि अफसर मुख्यालय में बैठने की बजाय फील्ड में जाकर सरप्राइज विजिट करें. यही नहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर विभाग में कोई भी फाइल तीन दिन से ज्यादा रुकी तो उस अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी.
सीएम योगी ने बच्चों को पाठ्य पुस्तक, बैग और यूनिफॉर्म मुहैया कराने में देरी को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई और इसे लेकर निर्देश जारी किए. बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि शिक्षक पुरस्कार में पारदर्शिता बरतने, ऑनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया को इसी महीने समाप्त करने पर बात हुई है. माध्यमिक शिक्षा विभाग की लगभग 16000 मुकदमे लंबित हैं. उनको एक अभियान चलाकर विधि संगत निस्तारित करने का निर्देश दिया गया है. नियामक कमेटी जिला स्तर पर है, उसके विस्तार करने पर भी चर्चा हुई.
दिनेश शर्मा की मानें तो, साल भर के लिए एक शैक्षणिक पंचांग के निर्धारण के लिए आदेशित किया जाएगा, ताकि समय पर शिक्षण कार्य और परीक्षा कराई जा सके. विद्यालयों में जहां शिक्षकों की कमी है वहां शिक्षकों की नियुक्ति के लिए तेज गति से प्रयास करने का निर्णय लिया गया. साथ ही जो नए विद्यालय खुल रहे हैं या कुछ जगहों पर पीपीपी मॉडल के आधार पर संचालन हो रहा है, उनके संचालन की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. मुख्यालय पर विद्यालयों में एक शिक्षक अंग्रेजी माध्यम का हो. साथ ही सुबह जो प्रार्थना होती थी, पीटी होती थी उसे सुचारू रूप से कराया जाए.
इस बैठक में शामिल बेसिक शिक्षा मंत्री स्वतंत्र प्रभार अनुपमा जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्राथमिक शिक्षा में सुधार के लिए निर्देशित किया है. उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान पूर्व में विगत 2 वर्षों के कार्यों की समीक्षा की गई. साथ ही भविष्य की जो कार्य योजना बनी है, उस पर भी चर्चा की गई. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट आदेश दिया है कि किसी भी दशा में लापरवाही ना बरती जाए. शिक्षा के स्तर को सुधारा जाए ताकि आने वाला भविष्य सुरक्षित रहे.