न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच वर्ल्ड कप 2019 का फाइनल मुकाबला सुपर ओवर में पहुंचने के बाद टाई हो गया. टाई के बाद बाउंड्री की संख्या के आधार पर मेजबान इंग्लैंड की टीम को विजेता घोषित कर दिया गया. 1992 के बाद पहली बार फाइनल खेलने वाली इंग्लैंड क्रिकेट टीम का ये पहला वर्ल्ड कप खिताब है. वर्ल्ड कप पर कब्जा करने वाली इंग्लैंड छठी टीम है. इससे पहले वेस्ट इंडीज, ऑस्ट्रेलिया, भारत, श्रीलंका और पाकिस्तान वर्ल्ड कप पर कब्जा कर चुके हैं.
इंग्लैंड को विश्व विजेता बनाने में किसी एक खास खिलाड़ी की भूमिका नहीं रही. जो रूट और जेसन रॉय जैसे बल्लेबाजों से सजी इंग्लैंड टीम के हर खिलाड़ी ने अपने देश को चैम्पियन बनाने में अहम किरदार निभाया. इंग्लैंड में इयान बॉथम, माइक गैटिंग, एंड्रयू स्ट्रास और एंड्यू फ्लिंटाफ जैसे एक से एक बढ़कर दिग्गज खिलाड़ी हुए, लेकिन कभी भी इनके सिर पर वर्ल्ड कप का ताज नहीं सजा.
किसी भी टीम को चैम्पियन बनाने में उसके सभी 11 खिलाड़ी मायने रखते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो अपने प्रदर्शन से छाप छोड़ जाते हैं. ऐसे ही उन खिलाड़ियों के बारे में हम बताते हैं जो इंग्लैंड की जीत के हीरो रहे.
जेसन रॉय और जॉनी बेयरस्टो- इंग्लैंड की टीम अगर चैम्पियन बनी है तो इसमें सबसे बड़ा रोल जेसन रॉय और जॉनी बेयरस्टो का रहा है. किसी भी टीम को एक बड़े स्कोर के लिए एक अच्छी ओपनिंग साझेदारी की जरूरत होती है. जेसन रॉय ने जॉनी बेयरस्टओ के साथ मिलकर इस काम को बखूबी किया. दोनों ने वर्ल्ड कप में 500 से ज्यादा रन बनाए, जिसमें 4 शतकीय साझेदारी रही. दोनों ने तेज गति से रन बनाए. वर्ल्ड कप में किसी भी विकेट के लिए एक ही जोड़ी के बीच 4 शतकीय साझेदारी नहीं हुई है, लेकिन इन दोनों ने ऐसा किया.
अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के मशहूर रॉय ने इंग्लैंड को कई मैचों में तेज शुरुआत दिलाई. चाहे वो लक्ष्य का पीछा करना हो या पहले बल्लेबाजी करते हुए बड़ा स्कोर बनाना हो रॉय के दम पर इंग्लैंड ने इसे टूर्नामेंट में कई मौके पर इसे हासिल किया.
जो रूट- टीम का अगर पहला विकेट जल्द गिर जाए तो ऐसे में तीसरे नंबर का बल्लेबाज बेहद अहम हो जाता है. इंग्लैंड के लिए जो रूट ऐसे ही खिलाड़ी हैं. वो टीम का अहम हिस्सा हैं. पूरे वर्ल्ड कप में उन्होंने कई शानदार पारियां खेलीं. 500 से ज्यादा रन बनाकर वह अपनी टीम के टॉप स्कोरर रहे. उन्होंने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 49 रन की अहम पारी खेली. रूट ने वर्ल्ड कप में 2 शतक भी जड़े. उन्होंने वेस्ट इंडीज और पाकिस्तान के खिलाफ शतक बनाए. इसके अलावा उन्होंने साउथ अफ्रीका और अफगानिस्तान के खिलाफ अर्धशतक भी बनाए.
इयोन मॉर्गन- इंग्लैंड के कप्तान इयान मॉर्गन का नाम क्रिकेट इतिहास में दर्ज हो गया है. उनकी कप्तानी में पहली बार इंग्लैंड की टीम वर्ल्ड कप जीती. पूरे टूर्नामेंट में उनकी कप्तानी की कई क्रिकेट दिग्गज तारीफ कर चुके हैं. किस गेंदबाज को कब गेंदबाजी के लिए लाना है, विरोधी टीम की कमजोरी, ये सभी बातें पूरे टूर्नामेंट में मॉर्गन की कप्तानी के दौरान दिखीं. चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले मॉर्गन ने बल्ले से भी टीम के लिए अहम योगदान दिया.
जोफरा आर्चर- इंग्लैंड ने अगर टूर्नामेंट में विरोधी टीमों को सस्ते में निपटाया तो इसका श्रेय तेज गेंदबाज जोफरा आर्चर को जाता है. अपना पहला वर्ल्ड कप खेलने वाले आर्चर ने पूरे टूर्नामेंट में गति और लाइन लेंथ से बल्लेबाजों को खूब परेशान किया. उन्होंने कई मौके पर 90 मील प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से गेंद फेंकी. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में तो उन्होंने 94 मील प्रति घंटे तक की गेंद फेंकी थी. वह टूर्नामेंट के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज रहे. उन्होंने 11 मैचों में 20 विकेट लिए. आर्चर ने इस दौरान पांच बार 3 विकेट भी लिए.
बता दें कि जोफ्रा आर्चर का चयन वर्ल्ड कप से ठीक पहले हुआ था. वह 2014 में 3 बार वेस्टइंडीज की अंडर-19 टीम के लिए खेल चुके हैं. बाद में उन्होंने संकेत दिए कि वह इंग्लैंड के लिए खेलना चाहते हैं. जोफ्रा के पिता ब्रिटिश हैं. उनके पास ब्रिटिश पासपोर्ट भी है.
बेन स्टोक्स- अपनी ऑलराउंड प्रदर्शन के कारण स्टोक्स पूरे टूर्नामेंट में छाए रहे. उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने फाइनल मुकाबले में 98 गेंदों में 84 रन की बेजोड़ पारी खेली. उनके इस प्रदर्शन के ही दम पर इंग्लैंड चैम्पियन बनने में कामयाब रहा. उन्होंने टूर्नामेंट के 11 मेचों में 7 विकेट लिए. वहीं बल्ले से भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा. उन्होंने 11 पारियों में 468 रन बनाए.