आगरा/लखनऊ। बागपत जेल में डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या गटर से बरामद पिस्टल से नहीं हुई थी. फॉरेंसिक जांच के बाद आई रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है. आपको बता दें कि पिछले दिनों आगरा फोरेंसिक लैब से प्राइमरी रिपोर्ट लखनऊ भेजी गई थी. जांच में पाया गया कि फॉरेंसिक जांच के लिए आई पिस्टल और घटनास्थल से बरामद कर भेजे गए कारतूस के खाली खोखों का बोर मैच नहीं हो रहा, जिसके बाद पुलिस की कार्यप्रणाली और कहानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
दरअसल, 9 जुलाई की सुबह पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. सुनील राठी ने जिस पिस्टल से गोली मारने का दावा किया था, उस पर मेड इन इटली लिखा था, वो हथियार बनाने वाली प्रसिद्ध कंपनी लामा की है. वहीं, पुलिस ने प्रारंभिक परीक्षण के बाद पिस्टल के मुंगेर में बनी होना बताया था. जांच के लिए आगरा फोरेंसिक लैब में पिस्टल की जांच के लिए छह वैज्ञानिकों की कमेटी बनाई गई, जिसने ये अपनी जांच रिपोर्ट में ये खुलासा किया है.
आपको बता दें कि मुन्ना बजरंगी की पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में पेशी होनी थी. 8 जुलाई (रविवार) को उसे को झांसी से बागपत लाया गया था और अगले ही दिन ये वारदात हो गई था. पुलिस का दावा था कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाश सुनील राठी ने ही मुन्ना बजरंगी की हत्या की है.