नई दिल्ली। करीब छह साल तक लगातार हार झेलने के बाद कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul gandhi) की राजनीति में सक्रियता काफी कम हो गई है. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस (Congress) की करारी हार के बाद राहुल गांधी (Rahul gandhi) ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से वह लगातार मेन स्ट्रीम राजनीति की लाइमलाइट से दूर होते जा रहे हैं. कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul gandhi) एक महीने पहले मां सोनिया गांधी (Sonia gandhi) के पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बाद से राजनीति में ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं. राहुल गांधी (Rahul gandhi) मौजूदा स्थिति को देखकर सवाल उठना लाजमी है कि क्या राहुल गांधी (Rahul gandhi) राजीतिक वनवास की ओर अग्रसर हैं?
लोकसभा चुनाव में जी-जान लगाकर किया था प्रचार
लोकसभा चुनाव में राहुल ने बढ़चढ़कर पार्टी का प्रचार किया, लेकिन मोदी लहर में कांग्रेस (Congress) को हार का मुंह देखना पड़ा, जिसके बाद राहुल ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. उन्हें इस फैसले को वापस लेने के लिए बहुत मनाया गया, लेकिन वह नहीं माने. अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा था कि किसी भी गांधी को पार्टी अध्यक्ष नहीं बनना चाहिए, लेकिन तीन महीने बाद वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी (Sonia gandhi) को कांग्रेस (Congress) का अंतरिम अध्यक्ष बनाने का फैसला किया. पिछले कई दिनों से, राहुल की ज्यादा सक्रियता देखने को नहीं मिल रही है. हालांकि, उनका ट्विटर हैंडल सक्रिय है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों के कार्यक्रम और बयानों पर टिप्पणी की जाती है.
मां और बहन संभाल रही हैं पार्टी
जहां राहुल गांधी (Rahul gandhi) की मां सोनिया और बहन प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के सिलसिले में पार्टी नेताओं के साथ विचार-विमर्श कर रही हैं, वहीं 49 वर्षीय कांग्रेस (Congress) सांसद इन सब से बिल्कुल अलग हैं. वह 12 सितंबर को सोनिया गांधी (Sonia gandhi) की अध्यक्षता में हुई महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुए थे, जहां देश की आर्थिक स्थिति पर चर्चा की गई थी और कई फैसले लिए गए थे. पार्टी महासचिवों, राज्यों के प्रभारी, राज्य इकाई के प्रमुखों और कांग्रेस (Congress) विधायक दलों के नेताओं के लिए रखी गई बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के वरिष्ठ नेता ए.के. एंटनी भी शामिल हुए थे.
विधानसभा चुनावों में राहुल फिर हो सकते हैं सक्रिय
वह आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अंतिम रूप से उम्मीदवारों को तय करने में व्यस्त हैं और कांग्रेस (Congress) चुनाव समिति की बैठकों की अध्यक्षता करती रही हैं. विधानसभा चुनाव कांग्रेस (Congress) के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यह इन राज्यों में भाजपा से सत्ता हासिल करने के लिए प्रयास कर रही है. उन्होंने पिछले सप्ताह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के बारे में फैसला करने के लिए पार्टी की चुनाव समिति की बैठक की अध्यक्षता की.
2017 में कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष बने थे राहुल गांधी (Rahul gandhi)
अटकलों पर विराम लगाने के लिए पार्टी ने कांग्रेस (Congress) कार्यसमिति के सदस्य राहुल गांधी (Rahul gandhi) की कई गतिविधियों को दिखाया. वह 10 अगस्त को कांग्रेस (Congress) कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में शामिल हुए, जिसमें नए अध्यक्ष का मुद्दा उठा और जम्मू एवं कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने पर चर्चा के लिए बुलाई गई सीडब्ल्यूसी में भी उपस्थित थे. उन्होंने विपक्षी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ श्रीनगर जाने की कोशिश की और वायनाड का दौरा किया.
कांग्रेस (Congress) सूत्रों ने कहा कि वह दो अक्टूबर को गांधी जयंती पर पदयात्रा में भाग लेंगे. पार्टी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर देश भर में पदयात्रा निकालने की योजना बनाई है. कांग्रेस (Congress) सूत्रों ने कहा कि राहुल विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए प्रचार करेंगे. 2017 में जब राहुल ने पार्टी अध्यक्ष का पद संभाला था, तब उन्होंने कई युवा नेताओं की नियुक्ति की थी. उन्होंने युवा और छात्र निकायों में चुनाव की शुरुआत कर प्रयोग किए.
हालांकि, कई वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि इससे संगठन बर्बाद हो गया है. प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की यात्रा के दौरान कहा कि कई वरिष्ठ नेता संगठन में चुनाव प्रणाली के खिलाफ थे.