वाशिंगटन। दुनिया भर में चल रहे ‘मी टू’ अभियान (यौन उत्पीड़न के खिलाफ अभियान) की शुरुआत होने के बाद अब खेल जगत भी इसकी चपेट में आ गया है. अमेरिका की महिला जिमनास्ट सिमोन बाइल्स ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न की कहानी बयां की है. चार बार की ओलंपिक चैम्पियन बाइल्स ने कहा है कि वह भी जिमनास्टिक टीम के डॉक्टर लैरी नासर द्वारा यौन उत्पीड़न का शिकार हुई थी और अब इसके बारे में बात करने से उन्हें राहत और मजबूती मिलती है.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, बाइल्स उन 160 महिलाओं में शामिल हैं जिनका कि नासर ने यौन उत्पीड़न किया था. नासर को इस वर्ष जनवरी में 175 साल तक की सजा हुई थी.
21 वर्षीय बाइल्स ने कहा, “यह बहुत मुश्किल था, लेकिन मुझे लगा कि अगर मैं अपनी कहानी बता सकती हूं तो इससे अन्य लोग भी अपनी-अपनी कहानी को बताने के लिए प्रोत्साहित होंगे.”
वर्ष 2016 में रियो ओलम्पिक में चार गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकीं बाइल्स ने कहा, “मैं उन कई पीड़ितों में से एक हूं जिनका नासर ने यौन शोषण किया. मैं हाल के दिनों में टूट-सी गई हूं. मैं जितना अपनी आवाज दबाने की कोशिश करती हूं उतना मेरा दिमाग चीखने को कहता है. मैं अब अपनी कहानी कहने से डरुंगी नहीं.”
बता दें कि अमेरिका की ओलिंपिक, 2000 की महिला टीम की सदस्य सहित दो जिम्नास्टों ने आरोप लगाया था कि लंबे समय तक अमेरिकी जिम्नास्टिक टीम के डॉक्टर रहे लैरी नासर ने उनका यौन उत्पीड़न किया.
बर्खास्त किए जाने से पहले तक 53 साल के लैरी ने दशकों तक जिम्नास्टिक संघ के साथ काम किया. उनके खिलाफ अदालत में मुकदमा दायर किया गया था, जिसके अनुसार उन्होंने युवा खिलाड़ी के शानदार करियर के दौरान शारीरिक थेरेपी के नाम पर उनके साथ आपत्तिजनक हरकतें की.
Oh. My. Goodness. 16.000 for @Simone_Biles at World Selection Camp. pic.twitter.com/JYptNXRRvs
— USA Gymnastics (@USAGym) October 11, 2018
जिमनास्ट सिमोन बाइल्स के अलावा एक दूसरी जिम्नास्ट ने भी नासर पर आरोप लगाए थे. दूसरी जिम्नास्ट राशेल डेनहोलांडर केंटुकी के लुईसविले की रहने वाली थीं और उन्होंने इंडियानापोलीस स्टार समाचार पत्र से कहा था कि लैरी ने वर्ष 2000 में मिशिगन यूनिवर्सिटी में कमर के दर्द के उपचार के दौरान उनका यौन उत्पीड़न किया. लैरी वहां फैकल्टी सदस्य थे.