पश्चिम बंगाल में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए सशस्त्र बलों को तैनात करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इस क्रम में रविवार (फरवरी 21, 2021) को राज्य के विभिन्न जिलों में अर्धसैनिक बलों के जवानों ने मार्च और गश्त कर के अपनी उपस्थिति का एहसास कराया। इस पैट्रोलिंग और मार्च का उद्देश्य था कि राज्य के मतदाताओं के बीच विश्वास पैदा किया जाए कि वो निडर रहें। लेकिन, इससे तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) घबरा गई है।
TMC ने कहा है कि भाजपा इस विधानसभा चुनाव को मतदान की प्रक्रिया नहीं, बल्कि युद्ध की तरह देख रही है। शनिवार को ही CRPF की 12 कंपनियाँ राज्य में पहुँच गईं। चुनाव प्रचार और रैलियों से लेकर मतदान और मतगणना तक, सारी चीजें निष्पक्ष माहौल में हों, इसीलिए फरवरी 25 तक राज्य में अर्धसैनिक बलों की 125 कंपनियाँ पहुँचने वाली हैं। इनमें से 60 कंपनियाँ अकेले CRPF की ही होंगी।
इसके अलावा सशस्त्र सीमा बल की 30 और BSF की 25 कंपनियाँ लगाई जाएँगी। साथ ही CISF और ITBP की पाँच-पाँच कंपनियाँ भी चुनाव के दौरान सुरक्षा का दायित्व संभालने के लिए राज्य में आएँगी। पश्चिम बंगाल पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को भी सशस्त्र बलों के साथ सहयोग करते हुए देखा जा रहा है। बीरभूम, बाँकुड़ा, बर्दवान, हावड़ा नॉर्थ/साउथ 24 परगना और पश्चिमी मिदनापुर में CRPF की कंपनियाँ पहुँचीं।
चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर TMC नेता ब्रात्य बासु ने कहा, “केंद्र सरकार इसे चुनाव नहीं, युद्ध की तरफ ट्रीट कर रही है। वो चाहे तो यहाँ टैंक भी भेज सकती है क्योंकि उन्हें यहाँ की जनता का समर्थन ही नहीं हासिल है।” लेकिन, पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी के एक नेता का बयान चौंकाने वाला है। ये बयान साउथ 24 परगना के भानगर स्थित भोगली-2 पंचायत में पार्टी के नेता मुदस्सर हुसैन ने दिया।
Central forces have reached West Bengal for free & fair elections!#BanglaDidirThekeMuktiChay
— Charu Pragya🇮🇳 (@CharuPragya) February 20, 2021
TMC के पंचायत अध्यक्ष मुदस्सर हुसैन ने कहा कि पोलिंग बूथ तक कोई और जा ही नहीं सकते, वहाँ सिर्फ तृणमूल के लोग ही जाएँगे। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को TMC को छोड़ कर किसी अन्य पार्टी को वोट देना है, उन्हें पोलिंग बूथ तक जाने की कोई ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “केंद्रीय अर्धसैनिक बल तो पोलिंग बूथ पर होंगे, लेकिन मैदान में तृणमूल के लोग होंगे।” बंगाल में आए दिन TMC कार्यकर्ताओं की गुंडई की खबरें आती रहती हैं।
उधर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की साली मेनका गंभीर आज CBI के समक्ष पेश होंगी। अभिषेक की पत्नी रुजीरा बनर्जी से भी पूछताछ होनी है। अभिषेक ने कहा है कि उनके परिवार को धमका कर दबाया जा रहा है, लेकिन वो नहीं झुकेंगे। सीएम ममता ने भी कहा कि CBI केंद्र के इशारों पर काम कर रही है। ये मामला ईस्टर्न कोल माइंस लिमिटेड के कोयला खदानों से हुई चोरी से जुड़ा हुआ है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यसभा सांसद स्वप्नदास गुप्ता के नेतृत्व में चुनाव आयोग को पत्र लिख कर सेंट्रल फोर्स को राज्य में तैनात करने की माँग की थी। चुनावों के मद्देनजर पार्टी ने यह माँग इसलिए उठाई थी ताकि इलेक्शन निष्पक्षता के साथ संपन्न हों। पार्टी ने कहा था कि ऐसे पुलिस कर्मी भी पूरी प्रक्रिया से दूर रहने चाहिए जिन पर बीते समय में किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े होने का आरोप हो।