केंद्र सरकार ने कोरोना संकट की वजह से 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 की छमाही के लिए दिए जाने वाले महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) की तीन किस्त रोक दी थी. एक एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में बताया कि केंद्रीय कर्मचारियोंं और पेंशनर्स के DA/DR की तीन किस्त रोकने की वजह से सरकार को 34,402.32 करोड़ रुपये की बचत हुई है.
क्यों लगी थी रोक
गौरतलब है कि कोरोना संकट के बीच 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से देय महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) की तीन किस्त पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दी थी. कर्मचारी यूनियनों की लगातार मांग के बाद सरकार इसका एरियर यानी बकाया देने को तैयार नहीं हुई.
हालांकि सरकार ने 1 जुलाई 2021 से मिलने वाले डीए और डीआर को 17 से बढ़ाकर 28 फीसदी करने का निर्णय लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में 14 जुलाई को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया था.
केंद्र सरकार का कहना है कि इस बढ़त से पिछले नुकसान की भरपाई हो जाएगी. लेकिन सरकार एरियर देने को तैयार नहीं हुई. इस बढ़त से केंद्र सरकार के 50 लाख से अधिक कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा.
DA और DR के मुद्दे को लेकर केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की प्रतिनिधि संस्था ‘National Council Of JCM’ की सरकार के साथ 26 जून को अहम बैठक हुई थी. बैठक का मुख्य एजेंडा केन्द्रीय कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के हिसाब से महंगाई भत्ते का भुगतान करना और साथ में केन्द्र सरकार के रिटायर्ड कर्मचारियों को DR का लाभ देने फैसला करना रहा.