अफगानिस्तान से अमेरिका और नाटो सेना के निकलते ही तालिबान ने पूरे देश पर अपना कब्जा जमा लिया । अफगान सेना ने तालिबानियों के सामने बिना लड़े ही घुटने टेक दिए । अब पूरे देश की तस्वीरें हैरान परेशान करने वाली है । सबसे ज्यादा चिंता महिलाओं को लेकर जताई जा रही है, क्योंकि 20 साल पहले तालिबान जिन कानूनों पर काम करता था उसमें महिलाओं को किसी भी तरह का कोई अधिकार प्राप्त नहीं था । तालिबानी, नई सरकार में सुरक्षा और अधिकारों के दावे तो करता नजर आ रहा है लेकिन तस्वीरें कुछ और ही बयां कर रही हैं ।
अफगानिस्तान के तमाम दावों के बीच सीएनएन की टीवी रिपोर्टर क्लेरिसा वॉर्ड की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें वो दो बिलकुल अलग परिधानों में नजर आ रही हैं । कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स का दावा है कि तालिबान के कब्जे के महज 24 घंटों के भीतर ही उनका ड्रेसअप पूरी तरह से बदल गया । हालांकि इस मामले में क्लेरिसा ने सोशल मीडिया पर खुद सफाई दी है ।
अमेरिकी टीवी रिपोर्टर क्लेरिसा वॉर्ड जहां एक फोटो में सामान्य कपड़ों में दिख रही हैं तो वही दूसरी तस्वीर में वो हिजाब पहने रिपोर्टिंग करती दिख रही हैं । कई लोगों का इन तस्वीरों पर कहना था कि क्लेरिसा ने तालिबान से डर के चलते अपने कपड़ों के चयन में बदलाव किया, हालांकि एक ट्वीट के जरिए क्लेरिसा ने अपना पक्ष स्पष्ट किया है ।
कलेरिसा वार्ड के मुताबिक इन तस्वीरों को गलत अंदाज में पेश किया गया है । पहली तस्वीर एक प्राइवेट कंपाउंड के भीतर ली गई है वही दूसरी तस्वीर तालिबान द्वारा शासित काबुल की है । उन्होंने कहा कि- मैं पहले भी जब भी काबुल की सड़कों पर रिपोर्टिंग के लिए जाती हूं तो हमेशा से ही सिर पर स्कार्फ का इस्तेमाल करती रही हूं । हालांकि मेरा सिर पूरी तरह ढका नहीं होता था और मै अबाया पोशाक में नहीं होती थी । बेशक बदलाव आया है, पर ये उस स्तर का नहीं जैसा तस्वीर में दिखाया गया है ।
साहसिक इंटरव्यू के लिए जानी जाती हैं
क्लेरिसा वॉर्ड एक इंटरनेशनल रिपोर्टर के तौर पर इस्लामिक कट्टरपंथ से प्रभावित कई देशों का दौरा कर चुकी हैं । साल 2012 में वो सीरिया के एलेप्पो शहर में रिपोर्टिंग के लिए गईं थी, अगले साल वो मिस्र पहुंची । साल 2014 में वो एक बार फिर सीरिया गई थीं, वहां उन्होंने एक अमेरिकी और एक नीदरलैंड्स के जिहादी का इंटरव्यू किया था। साल 2019 में क्लेरिसा तब चर्चा में आईं जब उन्होंने अफगानिस्तान के तालिबान शासित क्षेत्र के हालात कवर किए । उन्होंने तालिबानी लीडर्स के इंटरव्यू भी किए थे । साल 2021 में म्यांमार में रिपोर्टिंग के लिए उनकी स्थानीय पत्रकारों ने काफी आलोचना की थी, तब उन्हें ‘पैराशूट पत्रकार’ बताया गया था।
This meme is inaccurate. The top photo is inside a private compound. The bottom is on the streets of Taliban held Kabul. I always wore a head scarf on the street in Kabul previously, though not w/ hair fully covered and abbaya. So there is a difference but not quite this stark. pic.twitter.com/BmIRFFSdSE
— Clarissa Ward (@clarissaward) August 16, 2021