सीतापुर/लखनऊ। प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभार्थियों से धन उगाही थम नहीं रही है। इसी मामले में एक ग्राम विकास अधिकारी का लाभार्थी से रिश्वत लेते वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया है। चयनित हुए लाभार्थी से सुविधा शुल्क लेने वाला ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) विकास तिवारी निलंबित हो गया है। यह सकरन ब्लाक में तैनात है। यह प्रारंभिक कार्रवाई रिश्वत लेते वीडियो वायरल होने के बाद हुई है। जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) राकेश कुमार पांडेय ने आरोपित वीडीओ के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश सकरन बीडीओ को दिए हैं। निलंबन अवधि में वीडीओ विकास को डीडीओ ने महमूदाबाद ब्लाक से संबद्ध कर दिया है। प्रकरण में महमूदाबाद बीडीओ को जांच अधिकारी बनाया गया है।
वैसे वायरल हो रहा VDO का वीडियो पुराना बताया जा रहा है। इसमें वह जैकेट पहने दिख रहा है। वायरल वीडियो में विकास तिवारी लाभार्थी से रुपये लेकर पैंट की जेब में रखते दिख रहा है। वीडीओ विकास के पूछने पर लाभार्थी रिश्वत के पांच हजार रुपये होने की बात कहते सुना जा रहा है। रुपये रखने के बाद विकास तिवारी लाभार्थी से कहता सुना जा रहा है कि आवास देने वाले हम ही हैं। कहने को तो ऊपर तक बहुत पद हैं, लेकिन हमने जो लिख दिया वह अकाट्य है। जिसका आवास काट दिया तो काट दिया अब तुम्हें न प्रधान से मतलब है न ही पंचायत मित्र से, कोई समस्या हो तो ब्लाक में मिलेंगे। रिश्वत देने वाले लाभार्थी ने वीडीओ विकास तिवारी से यह भी बताया कि उसके गांव के दिनेश को आवास मिला है। दिनेश से सोनू नाम के व्यक्ति ने तीन हजार रुपये लिए हैं।
बुरे काम का बुरा नतीज़ा
घूसखोरी में नपा गांव का अधिकारी #Sitapur pic.twitter.com/elBwZU22pe— Pawan Tiwari🇮🇳 🇮🇳 (@pawan_pawant) September 13, 2021
पंचायत चुनाव बाद पीएम आवास की बढ़ी शिकायतें : पंचायत चुनाव होने के बाद जिला प्रशासन में यदि अधिक शिकायतें आ रही हैं तो वह पीएम आवास के लाभार्थियों से जुड़ी हैं। इस बात को खुद डीएम विशाल भारद्वाज भी स्वीकार कर चुके हैं। प्रतीक्षा सूची में चयनित लाभार्थियों के नाम काटे जा रहे हैं। पीएम आवास के लिए चयनित वह लाभार्थी प्रधान के निशाने पर जिन्होंने उनका चुनाव में खुलकर समर्थन नहीं किया।